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मानव जीवन का गति,नियतिऔर मुक्ति का आधार कर्म और प्रारब्ध।

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  मानव जीवन का गति,नियतिऔर मुक्ति का आधार कर्म और प्रारब्ध।  कर्म और प्रारब्ध एक ही वृक्ष के परस्पर अन्तसम्बन्ध दो शाखाये हैं। जिसमे मानव जीवन का सुख -दुःख ,सफलता-असफलता,संयोग-वियोग,प्राप्ति-मुक्ति के अनगिनत सूत्र जटिल जाल की तरह एक दूसरे से गुथे हुए हैं। कर्म प्रारब्ध को जन्म देता है। प्रारब्ध कर्म के माध्यम से ही फलित होता है। अर्थात प्रारब्ध हमारे द्वारा अतीत में किये गए कर्मो का परिणाम है और वर्तमान में किये गए कर्म ही भविष्य का आधार है। इन दोनों के बीच अति सूक्ष्म संबंध है।  अतः हम कह सकते हैं की प्रारब्ध को बदलना निःसंदेह कठिन है। परन्तु वर्तमान हमारे सामने है। जो हमे अपने कर्मो द्वारा भविष्य को संवारने का अवसर प्रदान करता है। सार तत्व यह है की हमें अपने प्रारब्ध को बिना किसी गीले शिकवे के स्वीकारते हुए वर्तमान में सतकर्म करके वर्तमान जीवन को श्रेष्ठ बनाते हुए सुखद भविष्य की आधार तैयार करने का प्रयास करना चाहिए। प्रकृति ने जो हमे  यह सुअवसर प्रदान किया है उसका यथासम्भव सदुपयोग करना चाहिए।  # positivelife #selflove #happiness #mindset #inspiration #motivati...

पहला आयुर्वेद दिवस 23 /9 /2025

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पहला आयुर्वेद दिवस 23 /9 /2025   आयुर्वेद के प्रति जनजागरूकता के उदेश्य से आयुष मंत्रालय की ओर से प्रति वर्ष 23 सितम्बर को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गई थी।  जिसकी  शुरुआत आज 23 /9/ 2025 को विधिवत की गई है। जिसका आयोजन गोवा के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में किया जा रहा है। इस आयोजन में आयुर्वेद के क्षेत्र में हो रहे नित्य नए अनुसंधान के साथ ही जटिल बीमारियों के इलाज में उनके प्रभावों को विस्तार से बताने और समझाने का प्रयास किया जायेगा। इसी के साथ ही योग की तरह आयुर्वेद को भी मोदी सरकार ने वैश्विक पहचान दिलाने की और पहला कदम बढ़ा चुके हैं।  आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रकृति पर आधारित विज्ञानसम्मत पद्धति है। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों ही रोगों को एक साथ ठीक करने की अद्भुत क्षमता है। इसलिए इसे सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति कहा गया है। आयुर्वेद हमे सिखाता है की कैसे जीवन में अप्राप्त की प्राप्ति की जाए ,प्राप्त का रक्षण किया जाए,रक्षित की वृद्धि की जाए एवं जो वर्जित है उसका त्याग किया जाए। यही स्वस्थ्य एवं सुखी जीवन का मूलमंत्र है।  #Ayurveda #aay...

नई चुनौतियाँ।

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नई चुनौतियाँ।  वेरोजगारी और बढ़ते रोजगार के दायरे के बीच में कसमसाती जीवन के अनछुए पहलू। अब इसे दोषपूर्ण शिक्षा व्यवस्था कहूँ या कलुषित मानसिकता। मन की मनचाहा या योग्यता के अनुरूप काम मिलने या करने से तन और मन दोनों पुलकित होते है। पर इसका प्रतिशत नगण्य है। कभी कभी तो मनचाहा काम की तलाश में इतना देर हो जाता है की हमे पता भी नहीं चलता और हम वेरोजगारी के दवाब को झेलने में असमर्थ हो जाते है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे जो काम करने में हमे अच्छा लगता है या जो करना चाहते है वो हमारे परिवार,समाज,हैसियत, जगह ,लिंग ,मनगढ़ंत मन्यताओ के विपरीत होता है। ऐसे में जब परिवार के सदस्यों का निस्वार्थ साथ मिलता है तो मंजिल पाना जीतना आसान होता है। उतना ही मुश्किल होता है पारिवारिक और सामाजिक दवाब को झेलना। इस अनचाहे दवाब को  झेलकर हम  मानसिक संतुलन खो बैठते है  हमारा मंजिल बहुत पीछे छूट जाता है। इसके परिणामस्वरूप हम आये दिन किसी न किसी शैक्षणिक संस्थानों से युवाओं का आत्महत्या जैसे जघन्य कृत्यों के साक्षी बनते रहते है।  हालाकिं इस दिशा में कई सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओ के द्वार...

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार का मजबूत आधार जागरूक जीवन शैली।

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  स्वस्थ नारी सशक्त परिवार का मजबूत आधार जागरूक जीवन शैली।  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिवस की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ नारी स्वास्थ्य को एक अभियान का स्वरूप देने के लिए सह्रदय  धन्यवाद।  17 सितंबर2025 विश्वकर्मा दिवस से 2 अक्टूबर2025 विजयादशमी तक चलने वाले 16 दिवसीय देशव्यापी स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर करती है की परिवार के केंद्र में रहनेवाली नारी अपनेआप को कैसे स्वस्थ रखे ताकि पुरे परिवार का देख भाल अच्छी तरीके से कर पाए। इसके लिए व्यापक  जनजागरूकता विशेष रूप से उत्तरदायी है। एक स्वस्थ्य गृहिणी तैयार करने के लिए उन्हें बचपन से ही अच्छी सेहत  के महत्व को बताना होगा। आइये जानते है उम्र के अलग -अलग पड़ाव पर किन बातों का रखें विशेष ख्याल।  हीमोग्लोबीन को 12 की उम्र तक कम से कम 12 तक रखने का लक्ष्य रखें। ताकि प्रजनन की उम्र तक लड़कियाँ स्वस्थ्य रहे और आगे की चुनौतियां कम हो।  बीस की उम्र तक कैल्शियम,आयरन,प्रोटीन,कार्बोज,वसा,और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का संतुलित मात्रा आहार में शामिल हो। ताकि आगे सेहत...

जीवन मूल्यवान है।

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 जीवन मूल्यवान है।  जीवन के संघर्षो से जब कभी हम घबराकर विचलित होते हैं तो अपना ही जीवन व्यर्थ महसुस होने लगता है। हम निराशाओ के समंदर में गोते लगाने लगते है। और कल्पना करने लगते हैं वेहतर भविष्य की। कल्पना वह भविष्य है जिसका वर्तमान से कोई संबंध नहीं है। जिस तरह से सभी वृक्ष की ऊँचाई उसके पत्ते ,फूल,फल,और छाया एक जैसा नहीं होता ठीक उसी तरह प्र्त्येक वयक्ति की अपनी अपनी विशेषता होती है। यही वो समय होता है अपने अंदर झाकने की गंभीरता से सोचने कीऔर वर्तमान परिस्थितियों को कोसने के बजाय उसे अवसर के रूप में स्वीकारने की। वर्तमान में किये गए कार्यों से ही हम भविष्य की कल्पनाओ का आकार गढ़ते है।जब हमअपनी सोच को सकारात्मक दिशा देने की ओर बढ़ते है तो हम उस परिस्थिति को सहर्ष स्वीकार करते है की जो हमे आज यह अवसर प्राप्त हुआ है वह वर्तमान को संवारने के लिए है यही भविष्य का आधार बनेगा। जीवन आगे बढ़ने का नाम है न की परिस्थितियों से घबराकर समाप्त करने का। जीवन में अगर सागर चाहिए तो हमे छोटी छोटी नदियों में अविरल प्रवाहित होना सीखना ही होगा। जीवन में हमें जो भी अवसर मिले उसका पूर्ण सदुपयोग में ह...

राखी से रक्षा

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  राखी से रक्षा  आज राखी का त्यौहार मनाया जा रहा है। चारो तरफ हर्षोल्लास का वातावरण है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक अपनी भावनाओ को अपने-अपने  तरीके से प्रस्तुत  कर रहे हैं। इसमें एक बात की जो समानता है वो यह है की सभी एक दूसरे की कुशल मंगल की कामना कर रहे हैं। परिवर्तन जीवन का अभिन्न अंग है। आज हम AI के जमाने की बात करते हैं जहां हर काम आसानी से होता हुआ दीखता है। पर कहीं न कहीं भवनात्मकता और रचनात्मकता को गहराई से प्रभावित करता प्रतीत होता है। इतना सुविधा सम्पन्न होने की बात करते करते जाने अनजाने इसमें कुछ खालीपन समाहित हो गया है। तभी तो जिस रक्षाबंधन पर बहनें अपनी भाई से अपनी  सुरक्षा की उम्मीद लगाए रहती थी। आज एक दूसरे की सुरक्षा की उम्मीद और अपेक्षायें पनपने लगी है। रिश्तों की मिठास अब एक औपचारिकता में बदलने लगी है।  आओ इस रक्षाबंधन हम औपचारिकता से बाहर निकलकर रिश्तों में मिठास भरें। सावन की पूर्णिमा की तरह रिश्तों को पूर्णता प्रदान करें।  #रक्षाबंधन #राखी #भाई-बहन #शुभ तिलक #अक्षत #मिठाई #सावन पूर्णिमा #मायका #खुशहाली #आवागमन #पूर्णता 

ध्यान की दशा ,दिशा और पूर्णता

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ध्यान की दशा ,दिशा और पूर्णता   ध्यान की पहली सीढ़ी है शारीरिक योगाभ्यास और दूसरी है प्राणायाम। जिसमे हर श्वास के साथ मन शांत होता जाता है। ध्वनि का ध्यान से गहरा संबंध है। ध्वनि से मौन की और बढ़ता मन आंतरिक संवेदनाओं को महसूस करता हुआ तीसरे पायदान को पार करता है। ये संवेदनाएं करुणा,क्रोध,हताशा या परमान्द के चरम को स्पर्श करता है..यही वह  स्थान होता है जहाँ काफी सजगता की जरूरत होती है। यहाँ पर जो आंतरिक शक्तियां जागृत होती है वह हमें आसमान की ऊचाइयों तक पहुंचा सकता है या धरातल की गहराइयों में भी धकेल सकता है।   चौथा पायदान है ज्ञान का जिसमे विज्ञान के अद्भुत तथ्यों को जानते हुए ब्रम्हाण्ड के रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं। पाचवाँ और अंतिम पायदान होता है मंत्र का जिसमे ध्वनि एक तरंग की तरह होती है। जिसका कम्पन महत्वपूर्ण होता है। यह हमारी आंतरिक स्तरों को स्पर्श करता हुआ एक बीज की तरह प्रस्फुटित होता है। इसे हम एक सहज वातावरण में सहज शारीरिक मुद्रा के साथ घटित होता हुआ महसुस करते हैं। अंततः हम पाते हैं की ध्यान कोई गंभीर प्रयास नहीं बल्कि सहज उपलब्धि है।  ...

अहमदाबाद विमान हादसा।

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अहमदाबाद विमान हादसा।   12 जून 2025 की वो मनहूस दोपहरी जब अहमदाबाद के सरदार वल्ल्भभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से अब तक का सबसे सुरक्षित समझा जाने वाला एयर इण्डिया का बोईंग ड्रीमलाइनर विमान ए आई 0171 ने जैसे ही 1. 39 pm पर रनवे -23 से उड़ान भरी ही थी की महज दो ही मिनट के अंदर एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा। चंद ही मिनटों में पूरा विमान एक आग के गोले में तब्दील हो गया। इसमें चालक दल व् क्रू सदस्य सहित 242 यात्री सवार थे। जिसमे एक विश्वास कुमार रमेश नाम के यात्री को छोड़कर बाकी सभी उस आग के आगोश में समा गए।  अब यहाँ एक संयोग, इतिफाक या चमत्कार कहें।इसमें 11 A सीट पर बैठा विश्वास कुमार रमेश नामक यात्री जीवित  निकला। जब 1988 में दक्षिण थाइलैंड में लैंडिंग के समय विमान हादसा हुआ था तो उसमे भी 11 A सीट पर बैठा यात्री भी चमत्कारी रूप से जीवित निकला था। 1988 का ही एक और विमान हादसा में समानता है। जब मुंबई से अहमदाबाद आ रहा इंडियन एयर लाइन्स का विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट के इसी रनवे -23 पर लैंडिग करते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमे सवार 13...

आयुर्वेद को जाने समझें सरल भाषा में।

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  आयुर्वेद को जाने समझें सरल भाषा में।  आयुर्वेद क्या है ? प्राचीन ज्ञान और सतत जीवन शैली पर आधारित भारत की पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा प्रणाली है आयुर्वेद।जीव और शरीर का संबंध ही प्राणी का जीवन होता है। उसी जीवनयुक्त समय का नाम आयु है।जिसमे आयु के हित -अहित द्रव्यों तथा उनके गुणों एवं कर्मो का ज्ञान,रोगों का कारण और निराकरण का राज छिपा हो वही आयुर्वेद है। इसका समुचित ज्ञान और उसका सही उपयोग से ही प्राणी आयु को प्राप्त करता है।  आयुर्वेद का प्रयोजन ही है स्वस्थ्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगियों को रोगमुक्त करना। इसकी पहुंच जन- जन तक हो इसके लिए वर्षों से धनतेरस के दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इसमें थोड़ी सरलता और समरूपता के लिए आयुष मंत्रालय ने 23 सितंबर के दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाये जाने की आधिकारिक घोषणा की है जो 2025 के 23 सितंबर से प्रति वर्ष इसी दिन को मनाया जायेगा। सम्पूर्ण मानवजाति के हितार्थ को केंद्र में रखकर यह निर्णय लिया गया है।  आयुर्वेद शास्त्र के तीन स्तम्भ हैं।  हेतु (Causes )-स्वस्थ्य /निरोगी...

धार्मिक उन्माद का विभत्स स्वरूप का करारा जबाब ऑपरेशन सिंदूर।

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धार्मिक उन्माद का विभत्स स्वरूप का करारा जबाब ऑपरेशन सिंदूर।  धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर के पहलगाँव की धरती एक वार फिर से 26 निर्दोषों के रक्त से रक्तरंजीत हो गया है। पिछले 76 सालों से बदले की आग में जलता कश्मीर से जब धारा 370 हटा तो अमन -चैन बहाल होना शुरू हुआ ही था की मानवता को भी शर्मसार करने वाला वो मनहूस दिन 22 /4 /2025 की दोपहर स्वछन्द विहार करते पर्यटकों के सामने धर्म पूछते कुछ लोग आ जाता है। लोग जब तक कुछ समझ पाते तब तक तबाही की शुरुआत हो जाती है। क्या तुम हिन्दू हो इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए पुरुषों का कमर से नीचे का वस्त्र उतरवाना ,कलमा पढ़वाकर स्थिति स्पष्ट होते ही उनके परिजनों केआखों के सामने ही गोलियों से लहुलुहान करने का नंगा नाच शुरू हो जाता है। जिसमे सभी पुरुषों को ही चुन -चुन कर निशाना बनाया जाता है। हमारी 25 भारतीय और एक नेपाली सहित 26 बहनों के मांग का सिंदुर उजाड़ दिया जाता है। जिसमे एक जोड़ा ऐसा जिनकी अभी शादी के चार ही दिन हुए थे। शुभम द्वेदी और ऐशान्या द्वेदी। एक और जिनकी शादी के दो ही महीने हुए थे विनय नरवाल और हिमांशी स्वामी नरवाल। सब किंकर्तव्य...

सामाजिक सुरक्षा के दायरे में अब गिग वर्कर्स भी।

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सामाजिक सुरक्षा के दायरे में अब गिग वर्कर्स भी।  गिग वर्कर्स सामन्यतः पारम्परिक नियोक्ता -कर्मचारी व्यवस्था के बाहर आजीविका कमाते हैं। इन्हें काम के बदले भुगतान (दैनिक,मासिक)के आधार पर रखा जाता है। ये लोग आम तौर पर मोबाइल एप के माध्यम से काम करते हैं। वर्तमान में इनकी संख्या लगभग एक करोड़ के करीब है। जो 2029 -30 तक 2.5करोड़ तक हो जाने का अनुमान है।   श्रम मंत्रालय के द्वारा गिग वर्कर्स के सुरक्षित भविष्य के उदेश्य से पेंशन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC )जैसी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जो अपने अंतिम दौर में है।  इसके तहत मिलने वाली सुविधाएँ :- एग्रीगेटर कंपनियों की ओर से हर बिलिंग ट्रांजेक्शन पर अधिकतम दो प्रतिशत की राशि वर्कर्स के पेंशन फंड में जमा होता जायेगा।  उसी जमा राशि का कुछ अंश ESIC  को जायेगा जिससे उन्हें अन्य सुविधाएँ भी मिलेगी।  नौकरी छूट जाने की स्थिति में तीन महीने तक वेतन।  बीमा सुरक्षा।  महिला गिग वर्कर्स को मातृत्व लाभ तथा अवकाश का फायदा।  इन सबका सही संचालन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO )को जि...

बिहार वासियों के लिए गर्व का पर्व: 22 -23 /04 /2025 एयर शो पटना में

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बिहार वासियों के लिए गर्व का पर्व:  22 -23 /04 /2025 एयर शो पटना में   वीर कुँवर सिंह सहित सन 1857 के वीर शहीदों को विशिष्ट सम्मान के साथ समर्पित इस शो का प्रदर्शन भारतीय वायु सेना की सूर्य किरण और आकाश गंगा की टीम के द्वारा किया जायेगा। इसमें एयर फोर्स के 9एयर जेट विमान हवा में अपना अनोखा कर्तव्य दिखायेगें। आजादी के बाद ऐसा रोमंचक शो बिहार में पहली वार होने जा रहा है।  कार्यक्रम :- स्थान :-जे.पी गंगा पथ पटना (मरीन ड्राइव ) दिनांक :-22 -23 /04 /2025  समय :-10 बजे से  #bihar #patna #airshow #airforce #airjet #fighterjet #airshowphotography 

भारत का प्राचीन ग्रंथ भगवत गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के स्मृतिकोष में शामिल।

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भारत का प्राचीन ग्रंथ भगवत गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के स्मृतिकोष में शामिल।  दुनियाभर के दस्तावेजी विरासत को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यूनेस्को के स्मृतिकोष (Memory of the world) को 1992 में स्थापित किया गया था।  इनमे दुर्लभ दस्तावेजों को संरक्षित करके उनके महत्व से दुनिया को अवगत कराना ही  इसका उदेश्य रहा है। इसके प्रति संवेदनशील और जनजागरूकता के लिए प्रति वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। प्रतिवर्ष अलग -अलग थीम के माध्यम से जनमानस का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की जाती रही है। इस वर्ष (2025 )का थीम है "आपदा और संघर्ष प्रतिरोधी विरासत "("Heritage under threat from disasters and conflicts" )  तब से लेकर आज तक इस रजिस्टर में 72 देशों और 4 अंतराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े शोध और उपलब्धियां सहित 570 पांडुलिपियों को जगह दी जा चुकी है। इस वर्ष 74 पांडुलिपियों को स्मृतिकोष में शामिल किया गया है। जिसमे भारत के भगवत गीता और भरतमुनि रचित भारतीय कलाओं का मूलग्रंथ नाट्यशास्त्र को भी जगह मिली है। ये हम भारतीयों के लिए गौरवान्वित का पल है।  ...

डिजिटल भारत एक कदम और आगे ;ATM ON WHEELS.

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 डिजिटल भारत एक कदम और आगे ;ATM ON WHEELS.   भारत का पहला एटीएम ऑन व्हील्स स्थापित करने का श्रेय मध्य रेलवे महाराष्ट्र को प्राप्त हुआ है। प्रयोग के आधार पर इसे महाराष्ट्र में चलने वाली  12110 मनमाड CSMT पंचवटी एक्सप्रेस के AC चेयरकार कोच में स्थापित किया गया है।  इसे शीघ्र ही यात्रियों के लिए उपलब्ध कराये जाने की भी योजना है। इसकी शुरुआत रेलवे के गैर -किराया राजस्व को बढ़ावा देने और यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देने के उदेश्य से किया गया है।  #ATM #digital #financialfreedom #financenews #train me atm#centralrailway #mharashtra # CSMTpanchavatiexpress 

जीवन एक अमृतधारा है।

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जीवन एक अमृतधारा है।   हम मानव इस नश्वर संसार रूपी रंगमंच के कठपुतली हैं। जिसका आरम्भ जन्म है तो पूर्णता मृत्यु। जहाँ जन्म जीवन की पहली किलकारी है। वहीं मृत्यु शून्य की अंतिम गूंज। इन दोनो के बीच में  जीवन का सेतू सर्कस की उस पतली सी रस्सी की तरह है जो दोनों सिरों को मजबूती से जोड़े रखता है। उस पर जितना संतुलित चाल होगा दूसरे छोर तक कुशलता पूर्वक पहुंचने की संभावना भी उतनी ही प्रवल होगी। इस सेतू  पर चलना ही हमारा सौभाग्य होगा। जितनी कोमलता ,करुणा,संवेदना से हम इसे पार करेंगें उतना ही उज्ज्वल होगी हमारी स्मृतियाँ। जो हमारे जाने के बाद भी जीवित रहेगी।  मृत्यु न क्रूर है न क्रूरता का प्रतीक बल्कि यह तो जीवन के थके हुए पावों के लिए विश्राम की शय्या है। जहाँ सासें मौन हो जाती है और स्मृतियाँ बोलने लगती है। इसलिए इस जीवन की अमृतधारा में अपने कर्तव्य और अधिकार के कदमताल का आश्रय लेकर जीवन को क्रमशः परिपक्वता की ओर ले चलें। जहाँ मृत्यु निर्विकार मुस्कान के साथ हमारा स्वागत के लिए तैयार हो। हम उस अमृतधारा में तैरते हुए अपने गंतव्य तक सकुशल पहुंच सकें।  # lifecycles...

निफ्टेम अब बिहार में भी।

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  निफ्टेम अब बिहार में भी।  खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े नए निवेशकों के बिहार के प्रति सकारात्मक अभिरुचि को देखते हुए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने बिहार में अपनी गतिविधियां तेज कर दी है।इसी कड़ी में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट (निफ्टेम ) की स्थापना के लिए बिहार में उचित व् अनुकूल जगह की तलाश के उदेश्य से उत्तर बिहार के कई जगहों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। बिहार फलों और सब्जियों के उत्पादक का बड़ा केंद्र है। उसके उचित रख -रखाव के आभाव में फलों और सब्जियों का बड़ी मात्रा में बर्वादी हो जाती है। खाद्य प्रसंस्करण के विस्तार से रोजगार के साथ-साथ व्यापर को भी  बढ़ावा मिलेगा। निफ्टेम स्थापित करने वाला बिहार भारत का तीसरा राज्य हो जायेगा। अभी तक हरियाणा के कुंडली में तथा तमिलनाडु के तंजावूर में ही निफ्टेम काम कर रहा है।  इसकी विधिवत बीटेक,एमटेक स्तर की पढ़ाई 2012 -13  से ही शुरू हो गई है। जो इसे एक गुणवत्तापूर्ण विस्तार देने के लिए कुशल व् विशेषज्ञ टीम के नेतृत्व में उचाइयां प्रदान करेगी।   #foodprocessing #foodindustry #...

बिहार का उभरता औद्योगिक केंद्र कुमारबाग इंडस्ट्रियल एरिया।

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बिहार का उभरता औद्योगिक केंद्र कुमारबाग इंडस्ट्रियल एरिया।   स्पेशल इकोनॉमिक जोन का दर्जा प्राप्त पश्चिम चम्पारण का कुमारबाग राज्य का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा )के एरिया मैनेजर आलोक कुमार ने 132 करोड़ के निवेश के साथ तीन कंपनियों के आने की सूचना दी है। जिनमे एक सिवान में बायोगैस प्लांट के लिए  57करोड़  और दो अलग -अलग वस्त्र उद्योग के लिए लुधियाना की संजीव वूलेन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को 55 करोड़ और गोरखपुर के पूर्वांचल टेक्स मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को 20 करोड़ की लागत के साथ कुमारबाग में उद्योग लगाने की मंजूरी मिल गई  है।  इन तीनों इकाइयों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर के साथ साथ नए औद्योगिक पहचान भी मिलेगी।  #industrial #manufacturing #bihar #kumarbag #commercial #business #residential #automation #fabrication #textile #equipment #fibers &fabrics 

प्लेनेट परेड/ Planet Parade

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प्लेनेट परेड/ Planet Parade   खगोलीय दुर्लभ संयोग की यह अद्भूत नजारा जनवरी 2025  से शुरू हुई और 28 फरवरी 2025 को इस अद्भूत नजारा का अंतिम रात होगी। खगोल वैज्ञानिको का मानना है की इस दिन (28 /02 /2025 )शाम को सूर्यास्त के बाद शनि,बुध, शुक्र,वरुण(नेप्च्यून ), अरुण (युरेनस ),बृहस्पति और मंगल ग्रह आकाश में लगभग एक सीधी रेखा में नजर आयेगें। इनमे से बुध,शुक्र,बृहस्पतिऔर मंगल ग्रह को नंगी आखों से देखा जा सकेगा। युरेनस और नेप्च्यून को छोटी दूरबीन की सहायता से लेकिन शनि ग्रह को देख पाना मुश्किल होगा क्योंकि यह सूर्य के वेहद करीब होगा। अब यह दुर्लभ खगोलीय संयोग वर्ष 2035 में बनेगा।  #space #planets #galaxy #sky #stars #telescop #solarsystem #astronauts #astronomy #astrology #saturn #mercury #neptune #venus #uranus #jupter #mars 

टाइम वुमन ऑफ द ईयर 2025

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टाइम वुमन ऑफ द ईयर  2025  टाइम मैगजीन के द्वारा प्रतिवर्ष समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली विश्व की 13 महिलाओं को यह सम्मान दिया जाता है।इस वर्ष (2025 )उन 13 महिलाओं में एक भारतीय महिला भी हैं। जिनका नाम है 'पूर्णिमा देवी बर्मन ' उन्हें यह सम्मान वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में मिला है।  45 वर्षीय बर्मन ने लुप्तप्राय पक्षी एडजुटेंट स्टार्क (हरगिला )को बचने की शुरुआत 2007 में प्रकृति की पुकार सुनकर की थीं। तब इस पक्षी की संख्या मात्र 450 था। जो उनके और उनके हरगिला सेना के प्रयास से 2023 में बढ़कर 1800 से भी अधिक हो गया है। अब यह लुप्तप्राय से संकटग्रस्त की श्रेणी में आ गया है। इसके आलावा उन्होंने महिलाओं को उद्यमी भी बनाने का काम किया है। इसके लिए उन्हें 2017 में नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित   किया जा चूका है।  #timemagazine #womenoftheyear #womenempowerment #scientists #vanyajeevsanrakshan #hargila 

भारत के 5 F विजन के दृष्टिकोण से' भारत टेक्स 2025'

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भारत के 5 F विजन के दृष्टिकोण से 'भारत टेक्स 2025 ' भारत मंडपम दिल्ली में 14 से 17 फरवरी तक आयोजित होनेवाला 'भारत टेक्स 2025 ' का आयोजन केवल एक टेक्सटाइल एक्सपो नहीं है। बल्कि भारत के कपड़ा उद्योग के अतीत वर्तमान और भविष्य की रणनीतियों का भव्य आयोजन है। इसमें 5 F (फार्म टू फाइबर,फाइबर टू फैब्रिक,फैब्रिक टू फैक्ट्री,फैक्ट्री टू फैशन,फैशन टू फौरन ) को केंद्र में रखकर वैश्विक व्यापर के बदलते नियम,तकनीकी वस्त्रों की बढ़ती मांग,एआई आधारित उत्पाद,सस्टेनेबल फैशन के भविष्य जैसे विषयों पर अंतराष्ट्रीय वक्ता,उद्योग विशेषज्ञ और नीति निर्माताओं के अमूल्य विचारों और सुझावों से वैश्विक पकड़ को मजबूती मिलेगी।  अभी भारत कपड़ों एवं परिधानों के निर्यात में विश्व में छठे स्थान पर है। जो लगभग तीन लाख करोड़ रूपये का है। इसे 2030 तक तीन गुणा करने का लक्ष्य रखा गया है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भरोसा जताया है की ये लक्ष्य हम समयसीमा से पहले हासिल करके इसे और उचाईयों तक पहुँचाएगें। भारतीय जलवायु के अनुकूल कपास उद्योग में लंबे रेशे वाली किस्मों के कपास उत्पादन को बढ़ाने के लिए पांच व...