सामाजिक सुरक्षा के दायरे में अब गिग वर्कर्स भी।
सामाजिक सुरक्षा के दायरे में अब गिग वर्कर्स भी।
गिग वर्कर्स सामन्यतः पारम्परिक नियोक्ता -कर्मचारी व्यवस्था के बाहर आजीविका कमाते हैं। इन्हें काम के बदले भुगतान (दैनिक,मासिक)के आधार पर रखा जाता है। ये लोग आम तौर पर मोबाइल एप के माध्यम से काम करते हैं। वर्तमान में इनकी संख्या लगभग एक करोड़ के करीब है। जो 2029 -30 तक 2.5करोड़ तक हो जाने का अनुमान है।
श्रम मंत्रालय के द्वारा गिग वर्कर्स के सुरक्षित भविष्य के उदेश्य से पेंशन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC )जैसी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जो अपने अंतिम दौर में है।
इसके तहत मिलने वाली सुविधाएँ :-
- एग्रीगेटर कंपनियों की ओर से हर बिलिंग ट्रांजेक्शन पर अधिकतम दो प्रतिशत की राशि वर्कर्स के पेंशन फंड में जमा होता जायेगा।
- उसी जमा राशि का कुछ अंश ESIC को जायेगा जिससे उन्हें अन्य सुविधाएँ भी मिलेगी।
- नौकरी छूट जाने की स्थिति में तीन महीने तक वेतन।
- बीमा सुरक्षा।
- महिला गिग वर्कर्स को मातृत्व लाभ तथा अवकाश का फायदा।
इन सबका सही संचालन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO )को जिम्मेवारी सौपी गई है।
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