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आहार एवं पोषण विज्ञान

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आइये आज हम समान सा लगने वाले शब्दों के बारीक अन्तर को  समझते हुए पोषण और पोषक तत्वों को समझते हैं।   भोजन Food-   भोजन वह पदार्थ है जो ठोस एवं द्रव्य दोनों रूप में हो साथ ही उसे खाया जा सके और पचाया भी जा सके।   आहार Diet- एक व्यक्ति  एक दिन में जो भोजन ग्रहण करता है वह आहार कहलाता है।  जैसे-सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम का पेय हल्का-फुल्का नाश्ता, रात का खाना।  आहार दो प्रकार का होता है।   A-संतुलित आहार- जब व्यक्ति की लिंग, आयु, क्रियाशीलता, मानसिक स्थिति और मौसम के अनुकूल भोजन का आयोजन किया जाता है तो वह संतुलित आहार कहलाता है।  B- असंतुलित आहार- जब आवश्यकता से अधिक या कम आहार ग्रहण किया जाता है तो वह असंतुलित आहार कहलाता है।  पोषण Nutrition-  पोषण एक प्रक्रिया है।  जिसमें भोजन का पाचन, चयापचय (चय /निर्माण, अपचय/विघटन),अवशोषण और परिवहन की प्रक्रियाओं से गुजरकर अंततः ऊर्जा उत्पन्न करके शरीर को पोषित करता है।  बाकी बचे अवशेष को शरीर से बाहर उत्सर्जित (पसीना, मल,मूत्र)कर देता है।   विज्ञान Sci...

IT city bangluru

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इस शहर के बारे मे बहुत कुछ सुन रखा है देखने का अवसर पहली वार प्राप्त हुआ है।   पटना से बंगलौर Bengaluru International Airport,Terminal-1 से जैसे ही बाहर निकली रात के 9:30pm हो रहे थे शहर के भिन्न-भिन्न जगहों पर जाने के लिए बस और कैब  आसानी  से  उपलब्ध थे।  सभी यात्री  अपनी सुविधा और जरुरतों के अनुसार यात्रा संसाधनों का प्रयोग करके अपने अपने गंतव्य की ओर चल दिये।  मैं भी।  शांत चौड़ी चौड़ी सड़कें,ओवर ब्रिज  से एक ही दिशा  मे अनुशासनात्मक रफ्तार से बढ़ती जा रही थी गाड़ी।अजनबी से लोग क्षेत्रीय और अंग्रेज़ी भाषा में छोटे बड़े साइनबोर्ड स्वत: ही आपना परिचय दिये जा रहा था। सुहाना मौसम जो बंगलोर की  खूबसूरती कही  जाती रही है उस पर स्थानीय लोगों  से बढ़ती आबादी का दुष्प्रभावों को शिकायत के लहजे  भी सुनने  को मिलेI जहाँ प्रतिदिन वर्षा हुआ करती वहां महिनों  नहीं होता है I  दूसरे दिन जब इस शहर को करीब से देखने निकली I ऊँची ऊँची बहुमंजिला इमारतें इस शहर की विकास गाथा को प्रदर्शित कर रही थी I जिसमें कई नेशनल मल...

भारतीय संविधान के प्रस्तावना, अधिकार और कर्तव्य।

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प्रस्तावना - "हम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण (प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोक तंत्रात्मक गणराज्य )बनाने के लिए तथा उनके समस्त नागरिको को ,सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए ,तथा उन सबमे व्यक्ति की गरिमा और (राष्ट्र की एकता और अखंडता )सुनिश्चित करने वाली बन्धुत्त्व बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई० को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। " प्रस्तावना को संविधान की कुंजी कहा जाता है।  मौलिक अधिकार - मूल संविधान में इसकी संख्या सात थी पर वर्तमान में छः ही हैं।  समानता का अधिकार (A -14 -18 ) स्वतंत्रता का अधिकार (A -19 -22 ) शोषण के खिलाफ अधिकार (A -23 -24 ) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (A -25 -28) सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (A -29 -30 ) संवैधानिक उपचार का अधिकार (A -32 ) सम्पति का अधिकार अब (44 वें संशोधन अधिनियम 1978 )कानूनी  अधिकार है।  मौलिक कर्तव्य - भारत की सम्प्रभुता, ...

भारतीय संविधान

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   संविधान क्या है।  संविधान वह लिखित कानुनी दस्तावेज है जिससे किसी भी देश के शासन वयवस्था को सुचारु रूप से चलाया जाता है। डॉ० भीम राव अम्बेडकर जी को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था।  भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।  मूल संविधान में प्रस्तावना के आलावा भाग -22 ,अनुच्छेद -395 और अनुसूची -8 हैं जो अब 12 हो गए हैं।  भारतीय संविधान देश के चुने गए 296 सदस्यों  के द्वारा 12 सत्र ,167 बैठकें और लगभग 3 वर्ष (2 वर्ष 11 महीना 18 दिन )में बनकर तैयार हुआ है। संविधान सभा के अध्यक्ष -डॉ० राजेंद्र प्रसाद।  संवैधानिक सलाहकार -बी एन राव।  अंतिम प्रारूप डॉ० भीम राव अम्वेदकर की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यी कमिटी ने दी। जिसके अधिकांश सदस्य किसी न किसी कारण से ज्यादातर अनुपस्थित ही रहे। इसलिए अधिकांश जिम्मेदारी सबसे ज्यादा पढ़े लिखे ,कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार व्यक्तित्व वाले अम्वेदकर साहब ने ही निभाई। और अंतिम सभा में इसकी प्रस्तुति भी उन्होंने ही दी।    पहली बैठ...

टीकाकरण / Vaccination

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टीके  का  जनक  Dr.एडवर्ड जेनर को  कहा  जाता है I  जिन्होंने 1798 ईस्वी  में चेचक  महामारी  के घातक प्रभाव से बचने के लिए चेचक रोग के निष्क्रिय विषाणुओं से ही चेचक से  बचाव के  टीके का आविष्कार किया  था I  टीका क्या  है ?  शरीर में रोग उत्पन्न करने वाले Pathogens रोगाणु (विषाणु, जीवाणु, कवक, परजीवी) के कमजोर, निष्क्रिय, मृत प्रारूप में लेकर  वैज्ञानिक तरीके से उसका उत्पाद तैयार करके मुहँ या injection के द्वारा स्वास्थ्य शरीर में प्रविष्ट कराया जाता है तो यह बिना रोग उत्पन्न किये बचावकारी कोशिकाओं के निर्माण अथवा antibodies के निर्माण करके शरीर में प्रतिरक्षा उत्पन्न करते हैं I इसे ही  टीके  के नाम से जानते हैं I  अलग-अलग बीमारी  से सम्बन्धित टीके  के  खुराक और समय  का  अन्तराल  अलग-अलग  होता है I जिसे  एक chart/सारणी के द्वारा  समझेंगे I                 Source :  https://main.mohfw.gov.in/sites/d...

घरौंदे की महारानी /queen of gharaunda

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मिट्टी की रेत और कागज के कैनवास पर आड़ी तिरछी रेखाओं के सहारे  बनाये गए घरौंदे में भविष्य की सपनें बुनती एक पवित्र निश्छल आत्मा। जब अपने पुरे परिवार का अपने प्रति किये गए व्यवहार के अनुकूल तस्वीरों को उकेरती है। तब उसमे एक खाली मन के कोने में अपने परिवार के बड़े बुजुर्ग सदस्यों के द्वारा सपनों के हमसफर का अंकित कराई गई व्यक्तित्व से जब समय के साथ सामना होती है। तब उस घरौंदे की महारानी के चेहरे पर अपार खुशी या विस्मयादि बोधक भाव आते हैं। वही भाव भविष्य के महल का बुनियाद होता है। जिसे हमे ही तय करना होता है की हमारा भावी महल का प्रारूप कैसा होगा।  अब तक हम और हमारा दिल दिमाग परिपक्क्व हो चूका होता है।  :----------------------: 

वर्तमान वनाम भावी नैक मूल्यांकन व्यवस्था

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ग्रेडिग - बाइनरी -लेवल ऑफ एक्सीलेंस। इंडस्ट्री की तरह  शिक्षण संस्थानों का लेवल वर्गीकरण करने वाला भारत पहला देश होगा। जिसकी तैयारी अपने अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। इस  व्यवस्था  को दिसंबर 2024 से लागू होने की पूरी संभावना है। मौजूदा ग्रेडिंग सिस्टम सात स्तरीय सिस्टम है। (A ++, A +, A, B ++, B +, B और C ग्रेड ) जबकी नई व्यवस्था में दो ही किस्म के संस्थान होगें। मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त। मान्यता प्राप्त संस्थानों को लेवल ऑफ एक्सीलेंस का भी प्रावधान होगा। उन्हें परिपक्वता के आधार पर 1 ,2 ,3 ,4 और 5 तक का लेवल मिलेगें। जिसके लिए इन संस्थानों को पेटेंट,रिसर्च,पब्लिकेशन,इनोवेशन,प्लेसमेंट,इन सबका समाज पर असर जैसी मानको पर खरा उतरना होगा। इनमे 1,2,3,और 4 नेशनल लेवल के जबकि 5 इंटरनेशनल लेवल का होगा।    :--------------------: