IT city bangluru
इस शहर के बारे मे बहुत कुछ सुन रखा है देखने का अवसर पहली वार प्राप्त हुआ है।
पटना से बंगलौर Bengaluru International Airport,Terminal-1 से जैसे ही बाहर निकली रात के 9:30pm हो रहे थे शहर के भिन्न-भिन्न जगहों पर जाने के लिए बस और कैब आसानी से उपलब्ध थे। सभी यात्री अपनी सुविधा और जरुरतों के अनुसार यात्रा संसाधनों का प्रयोग करके अपने अपने गंतव्य की ओर चल दिये। मैं भी। शांत चौड़ी चौड़ी सड़कें,ओवर ब्रिज से एक ही दिशा मे अनुशासनात्मक रफ्तार से बढ़ती जा रही थी गाड़ी।अजनबी से लोग क्षेत्रीय और अंग्रेज़ी भाषा में छोटे बड़े साइनबोर्ड स्वत: ही आपना परिचय दिये जा रहा था। सुहाना मौसम जो बंगलोर की खूबसूरती कही जाती रही है उस पर स्थानीय लोगों से बढ़ती आबादी का दुष्प्रभावों को शिकायत के लहजे भी सुनने को मिलेI जहाँ प्रतिदिन वर्षा हुआ करती वहां महिनों नहीं होता है I
दूसरे दिन जब इस शहर को करीब से देखने निकली I ऊँची ऊँची बहुमंजिला इमारतें इस शहर की विकास गाथा को प्रदर्शित कर रही थी I जिसमें कई नेशनल मल्टीनेशनल कम्पनियां और धीरे-धीरे पुनर्जीवित होते उसके कर्मचारी हालांकि अधिकांश कम्पनियां खुल चुकी है I आधी अधुरी उपस्थिती की अनिवार्यता अपार्टमेंट, फ्लैट, और बाजारों को पुनर्जीवित करने की जद्दोजहद में आसमान छूती मँहगाई से परेशान लोगों की भीड़ है I कोरोना काल की मंदी से अभी शहर पूरी तरह उबरा नहीं है I कर्मचरियों से गुलजार रहने वाले बड़े बड़े होटल, मनोरंजन स्थल, नशे में झूमते लोगों की क्षणिक उत्साहित भीड़ I अघोषित सन्नाटा सा वीरानगी अभी भी इसकी पहचान बनी हुई है I इस बीच ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता प्रचलन सडकों पर डिलिवरी व्याय की गाड़ियों से हलचल बनाये रखा है I
यहाँ छोटे बड़े मन्दिर बहुतायत मात्रा में देखने को मिला जिसमें अधिकांश हिंदू देवी देवताओं को समर्पित है I निवास स्थल के गलियारे में लटकती चीनार की टहनियों पर हरे- हरे पतों के बीच हल्की गुलाबी खिलते फूल, सुबह -सुबह सुहाना मौसम में सड़कों पर अपने ही धुन में घूमते लोग, घर के दरवाजे पर क्षेत्रीय लोगों के द्वारा बनाई गई रंगोली आकर्षक लगता है और यहाँ की हरियाली, दिन में तेज धूप शाम के समय वर्षा जहाँ मनमोहक लगता है वही जगह जगह पर मजबूरी में (दोनों कामकाजी होने के कारण समय प्रबंधन) जमा किए गए कचरों का ढेर थोड़ा अजीब सा लगा I हालाँकि कचरा एकत्रित करने वाला गाड़ी अपने निर्धारित समय से आता ही है I एक और बात जो देखने को मिला वो यहाँ की अधिकांश गाड़ियां घर से बाहर ही रात में भी लगी रहती है I अब इसे जगह का अभाव बोले या सुरक्षा की विश्वसनीयता समझ नहीं पाई I
हमारा निवास स्थल इसरो के पास ही है सो इसरो परिसर की बाहरी दीवार और दरवाजे को करीब से देखने का अवसर मिला एक तरफ इसरो और दूसरी तरफ पुरानी एयरपोर्ट की बाहरी दीवार जहाँ प्रतिदिन घूमने का सुनहरा मौका मिला I Aroma's Hyderabad House Biryanis kebabs curries, मान्यता परिसर, मॉल ऑफ एशिया ,नंदी हिल , आदियोगी , HAL , EGL भी घूमने का मौका मिला I कुल मिलाकर अभी तक अच्छा अनुभव रहा I
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