पाणिग्रहण
हिंदु रीति -रिवाज से होने वाले शादी समारोह का एक विशेष महत्वपूर्ण रिवाज (परम्परा )है पाणिग्रहण। जिसमे कन्या के पिता अपनी कन्या का हाथ इस भरोसे के साथ कि अपने दिल के टुकड़े जिसे बड़े ही लाड़ -प्यार से पाला है। उसकी आवश्यक मांगों को माना भी है और बचकाना हरकतों से रोका भी है। कुल मिलाकर संतुलित परवरिश दी है। आज से आगे इसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी आप कुशलता पूर्वक निभाओगे पुरे विश्वास के साथ दोनों परिवार और समाज को साक्षी मानकर वर के हाथों में विधि -विधान के साथ सौंपता है और उपहार स्वरूप कुछ सामान ,रूपये -पैसे ,आशीर्वाद के रूप में देने की पौराणिक प्रथा रही है। जिसपर सिर्फ और सिर्फ कन्या का अधिकार होता है। ये कानून सम्मत भी है। अभी -अभी नई नवेली दुल्हन बनी अर्पिता अपने ससुराल में अपनी ननद की शादी में आनंद और उत्साह से सरावोर हो रही थी घर के आँगन बारात जो आई थी। चारो तरफ शहनाइयों की गूंज ,लोगों का आना जाना सब एकदम से खुशनुमा माहौल बना रहा था। इसी बीच थकान के मारे थोड़ी सुस्ताने के ख्याल से अपने कमरे के विस्तर पर जैसे ही बैठी आँखें लग गई। आचानक घर के आँगन में परिवार के सदस्यों द...