प्रोटीन संरचना की स्थिरता; एक अबुझ पहेली की सुलझती गुथ्थी।
प्रोटीन संरचना की स्थिरता; एक अबुझ पहेली की सुलझती गुथ्थी।
मानव शरीर की रचना का आधार प्रोटीन है जो 20 एमिनो एसिड के आपस में जुड़ने से बनता है। और पाचन के दौरान अंतिम रूप से एमिनो एसिड में ही टूटता है। इस प्रोटीन की एमिनो एसिड से एमिनो एसिड तक की यात्रा में विघटन और निर्माण की प्रक्रिया अनवरत चलती रहती है। जिसका हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव होता है। ये सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में होते हैं। स्वस्थ्य जीवन के लिए इसका सही ढंग से काम करना जरूरी होता है। अन्यथा कैंसर,अल्जाइमर,पार्किंसन,सिकल सेल एनीमिया जैसे घातक बीमारी के शिकार हो जाते हैं।
इस दिशा में हुए नित नए अनुसंधान की कड़ी में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। आई आई टी कानपुर के जीव विज्ञानऔर जैव अभियंत्रिकी विभाग के प्रोफेसर आर.शंकर रामकृष्णन और उनके पी एच डी छात्र पृथिवी सिंह के प्रोटीन संरचना का अध्ययन सार एक अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। जिसमे उन्होंने प्रोटीन संरचनाओं में सेरीन और थ्रेओनीन नामक एमिनो एसिड की पहचान की है जो दूसरे एमिनो एसिड से स्व -सम्पर्क से हाइड्रोजन बांड का निर्माण करके प्रोटीन संरचना को स्थिरता प्रदान करता है। हलाकि सिस्टीन नामक समान एमिनो एसिड भी इसी तरह जुड़ाव बनाता है। परन्तु उसमे आक्सीजन की जगह सल्फर होने के कारण कमजोर बांड होती है।
एमिनो एसिड के जुड़ने की तरीकों के इस नए खोज से चिकित्सा के क्षेत्र में असाध्य समझी जाने वाली कैंसर,अल्जाइमर,पार्किंसन,सिकल सेल एनीमिया जैसे रोगों के उपचार की नई राह खुलेगी। साथ ही भविष्य में एमिनो एसिड से जुड़ाव को नियंत्रित करना भी सम्भव हो सकेगा।
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