ABSTRACT
खाद्य संरक्षण के क्षेत्र में कार्बन डॉट्स का क्रांतिकारी कदम।
KEYWORD -खाद्य संरक्षण,अपशिष्ट,जैविक विधि, कार्बन डॉट्स ,नैनो डॉट्स
Dr. VEENA KUMARI
(Ph. D ,NET )
MAGADH UNIVERSITY
(BODHGAYA ,BIHAR
अपशिष्ट समझी जाने वाली फलों सब्जियों के छिलके से तैयार की गई कार्बन डॉट्स खाद्य पदार्थों के संरक्षण के क्षेत्र में एक क्रन्तिकारी खोज है। जिसमे जैविक विधि से लम्बे समय तक खाद्य पदार्थो को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU )और विश्व खाद्य संरक्ष्ण संस्थान (WFPC )के सामूहिक प्रयास से खाद्य संरक्षण की दिशा में क्रन्तिकारी शुरुआत 2015 में ही की गई थी। जिसका परिणाम आज हमारे सामने कार्बन डॉट्स के रूप में है। इस नैनों डॉट्स में फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने से लेकर ताजे खाद्य पदार्थों के भंडारण और हैंडलिंग की अद्भूत क्षमता है।
इस संस्थान की खाद्य संरक्षण के क्षेत्र में होने वाले उपलब्धियाँ।
- ताजा नीरा को छः से आठ घंटे तक सुरक्षित रखने के लिए संग्रह कंटेनर।
- खाद्य और मिष्ठानों में प्रकृतिक रंग भरने के लिए लीची के छिलके से लाल रंग निकालने पर शोध किया जा रहा है।
- ताजे फलों और सब्जियों को शेल्फ लाइफ और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फलों और सब्जियों के छिलके पर आधारित खाद्य कोटिंग विकसित की जा रही है।
- अनाज के सुखाने की प्रक्रिया के दौरान नुकसान को कम करने के लिए STR ड्रायर विकसित की गई है।
- चूहों कीड़ों आदि से सुरक्षा हेतु अनाज भंडारण के लिए हार्मेटिक बैग विकसित की गई है।
FAO के ताजा रिपोर्ट के अनुसार विश्व का हर सातवां व्यक्ति लगभग 83 करोड़ रोज भूखे सोता है। भारत में यह संख्या 19 करोड़ है। रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष मानव उपभोग के लायक लगभग 250 करोड़ टन खाद्य पदार्थ उचित रख -रखाब के आभाव में बर्बाद हो जाता है। इस पर नैनो कार्बन डॉट्स की सहायता से खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोककर हम भुखमरी की समस्या पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं।
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