जन विश्वास अधिनियम 2023 का राज्यस्तरीय अनुपालन निवेशक और निवेशित राज्यों के हितकारक।
जन विश्वास अधिनियम 2023 का राज्यस्तरीय अनुपालन निवेशक और निवेशित राज्यों के हितकारक।
अभी अभी बिहार के प्रति औद्योगिक निवेशकों ने जिस विश्वास के साथ अपनी रूचि दिखाई है। उसकी शत -प्रतिशत कार्यान्वितता में जन विश्वास 2023 के प्रावधानों से काफी सहूलियत होने की उम्मीद है। इस अधिनियम का प्रमुख्य उदेश्य ही है कानूनी प्रक्रियाओं को सुगम बनाना,पारदर्शिता सुनिश्चित करना और गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देना।
मध्य प्रदेश "एम पी जन विश्वास विधेयक 2024 "पारित करने वाला देश का पहला राज्य बना अब बिहार की बारी है।
इस अधिनियम की कुछ मुख्य बातें।
- इसमें नागरिकों एवं उद्यमियों को केंद्र में रखकर इन्हें विरोधी के बजाय सहयोगी के रूप में देखना। जिसमे राज्य सरकारों को भी रेखांकित किया गया है।
- गुड गवर्नेंस की विस्तृत होती सीमाएं। नियमों नियमनों से लेकर व्यक्तियों एवं उद्यमियों के लिए अनुकूल परिवेश तैयार करना।
- छोटे उद्यमों एवं स्टार्टअप्स से लेकर बड़े -बड़े औद्योगिक इकाइयों को अनावश्यक आवश्यकताओं के बोझ को कम करके नवाचार एबं बृद्धि पर केंद्रित करके उत्पादकता को बढ़ाना।
- नियमों को सरल सुगम करके उद्यमिता को प्रोत्साहन ,आर्थिकी का विविधीकरण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
- छोटे -मोटे मामले अदालती दायरे से बाहर ही सुलझाने की व्यवस्था से न्याय प्रक्रिया के बोझ को कम करके उसकी गति बढ़ाना।
- इस विधेयक में पांच प्रमुख्य विभागों (औद्योगिक नीति,निवेश संवर्धन,ऊर्जा,सहकारिता,श्रम एवं शहरी विकास )के 64 धाराओं में संशोधन और 920 अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करके आधुनिक दौर के अनुकूल बनाया गया है।
- इससे सरकार और नागरिकों के बीच भरोसे की बुनियाद मजबूत होगी।
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