विकसित भारत 2047 और अनुसंधान नेशनल रिसर्च फॉउंडेशन (ANRF ) का अनोखा समन्वय।



विकसित भारत 2047 और अनुसंधान नेशनल रिसर्च फॉउंडेशन (ANRF ) का अनोखा समन्वय। 

विकास के नए परिदृश्य में विकास और शोध का संबंध सतत शोध विकास को नई ऊचाईयों तक पहुँचाने का सुगम जरिया हो सकता है।इसी को केंद्र में रखते हुए पाँच फरवरी 2024 को ANRF का गठन किया गया है। जिसका मुख्य उदेश्य है नवोन्मेषी शोध का एक ऐसा क्षेत्र विकसित करना जिसमे राज्य निर्देशित विकास की अवधारणा,परियोजनाओं एवं प्रयासों को  जनता ,समाज एवं राष्ट्र के जीवन को उन्नत बनाने में सर्वाधिक उपयोगी साबित हो। 

भारत सरकार के दूरदर्शी सोच से गठित ANRF में अब शोध को कुछ केंद्र और व्यक्तित्वों के दायरे से बाहर निकालकर एक विस्तृत क्षेत्र जिसमे (विज्ञान, तकनीक, औद्योगिक उत्पादन, चिकित्सा, जनतांत्रिक इकोसिस्टम,लिबरल आर्ट,समाज विज्ञान,मानवीय एवं सामजिक मूल्यों )इन विषयों को समाहित किया गया है। इससे शोध की पारम्परिक प्रकृति में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। भारत में अकादमिक संस्थानों के शोध एवं सरकार नियोजित विकास की बीच की दुरी कम होगी एवं उनके बीच स्वस्थ्य संवाद हो सकेगा। जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उदेश्यों को पूर्ति करता है। 

सरकार की इस पहल ने मुख्यतः तीन विन्दुओं को रेखांकित किया है।

  1. अब तक देश में बिखरे अनेक तरह के शोधों को सम्यक रूप से समायोजित करके विकसित भारत के महाअभियान से जोड़ने का काम किया है। जो समग्रता से विज्ञानं तकनीक एवं सामाजिक शोध के परिक्षेत्र को प्रभावी बनाएगा। 
  2. शोध का न्यायसंगत एवं जनतांत्रिक वितरण सुनिचित होगा। 
  3. इससे इंडस्ट्री,कारपोरेट, प्राइवेट शोध फाउंडेशन सभी एक मंच पर आकर एक साथ अपने विचार ,आँकड़े और संसाधनों का आदान -प्रदान कर पायेंगें। 
ज्ञान ही शक्ति का मूल श्रोत है। इस मूलमंत्र को यथार्थ में महसुस करने व् उसके साथ जीवन जीने और जीवन को उन्नत बनाने की सकारात्मक पहल है। 

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