सोने की तरह अब चांदी के आभूषणों पर भी हॉलमार्क की तैयारी।

 





सोने की तरह अब चांदी के आभूषणों पर भी हॉलमार्क की तैयारी। 

वर्तमान में भोली -भाली उपभोक्ता कैसे ठगी का शिकार हो रही है। समझते है एक उदाहरण से भारत में अभी चांदी के आभूषणों का कोई मानक नहीं है अधिकांश आभूषण 40 ,45 और 50 %की गुणवत्ता वाले ही बनाये जा रहे हैं। माना की अभी 90,000 प्रति किलो है चांदी की कीमत। जब हम आभूषण खरीदने जाते हैं तो उस हिसाब से 100 ग्राम आभूषण की कीमत 9000 प्लस बनाने की कीमत जोड़कर ली जाती है। वही आभूषण बेचते समय लगभग आधी कीमत की हो जाती है क्योकि उसमे आधे चांदी और आधी गिलट होता है जिसका मूल्य शून्य आका जाता है। तो ऐसी हालत में उपभोगता को आधी कीमत ही मिल पाती है। 

जिस तरह अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क की शुरुआत करके जून 2021 से देश के अधिकंश शहरों में (256 जिलों)हॉलमार्क अनिवार्य कर दिया गया है। उसी तरह चांदी के आभूषणों को भी हॉलमार्क के दायरे में लाने के उदेश्य से भारतीय मानक ब्यूरो ने 22 जुलाई 2024 को सभी हितधारकों की बैठक बुलाईहै। जिसमे  व्यवसायिकों और ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आभूषणों में कैसे किस स्तर तक दोनों (चांदी,गिलट )की मात्रा  तय की जाय इस पर विस्तार से चर्चा करके हॉलमार्क मानक निर्धारित करके उस के  क्रियान्वयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 

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