नालंदा विश्वविद्यालय का नवीनतम स्वरूप

भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की दूरदर्शी सोच का जब मूर्त स्वरूप  का भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों 19 जून 2024 बुधवार का दिन उद्घाटन समारोह का भव्य आयोजन हो रहा था। भारत फिर से अपनी गौरवमयी अतीत के पन्नो से निकलकर वर्तमान के तकनीकों के पुनर्मिलन से समायोजन करके  जो स्वरूप सामने था वह अविस्मरणीय था। 

राजगीर में प्रकृति की गोद में वैभवगिरी की तलहटी में 455 एकड़ में फैला नेट जीरो परिसर (प्राकृतिक रूप से वातानुकूलित ) जो लगभग 8 किलोमीटर की चाहरदीवारी में सुरक्षित अपनी गौरवगाथा का जीवंत स्वरूप जिसमे विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह भी प्रकृति और मनुष्य के साथ सद्भाव की ही भावना को प्रस्तुत कर  रहा था। 

इस नए परिसर में दो एकेडमिक ब्लॉक, चालीस वर्ग कक्ष, उन्नीस सौ छात्रों के बैठने की व्यवस्था, तीन सौ सीटों की क्षमता वाले दो आडिटोरियम, प्रत्येक लेक्चर हॉल में एक कुआँ, हर छात्रावास में एक चुल्हा जिसपर भोजन पकाने के आलावा रासायनिक प्रक्रिया भी कराई जाती है। साथ ही 550 छात्र -छात्राओं को रहने के लिए अलग -अलग छात्रावास की भी उत्तम व्यवस्था की गई है। 

जल प्रबंधन -देशी आहर -पईन पद्धति के साथ कुशल जल प्रबंधन पणाली लागु की गई है। परिसर में कोई बोरिंग नहीं है। 100 एकड़ में छोटे -बड़े तालाब हैं। 300 एकड़ में हरित क्षेत्र है। अपना सौर ऊर्जा संयंत्र भी है जिससे 6. 5मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। 1 . 5मेगावाट बायोगैस से भी बिजली का उत्पादन होता है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के उदेश्य को पूरा करने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के Sustainable ,Development Goal (SDG 7 ,12 or 13 ) मापदंडो पर भी खरा उतरने की कोशिश की गई है। 

इसे 5 स्टार (*****)रेटिंग 2020 भी मिल चुका है।  


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