आठ अजूबे
विश्व धरोहरों के संरक्षण के उद्देश्य से बनाये गए इस अजूबे के शृंखला का प्राचीनतम इतिहास रहा है I इसका चुनाव में विश्व धरोहरों के लम्बी कतारों में से कुछ विशिष्ट मानदण्डों (सही रख रखाब, इतिहास और भौगोलिक आयाम, कलात्मक व संस्कृतिक मूल्य, विशिष्टता, सार्वभौमिक रूप से पहचान) पर खरा उतरने वाले इमारतों को सूचीबद्ध किया जाता है I युनानी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा बनाये गये
ये हैं हमारे प्राचीनतम सात अजूबे
1. मिस्र--गीजा का पिरामिड
2. ईराक-- बेबीलोन का हैंगीग गार्डन
3. तुर्कीये-- अटेंमिस का मन्दिर
4. तुर्कीये --माउशोलस का मकबरा
5. ग्रीस-- ऑलंपिया में जेयूस की मूर्ति
6. ग्रीस-- रोड्स की विशाल मूर्ति
7. ग्रीस -- एलेक्जेंडरिया का लाइट हाऊस
इनमे अब गीजा का पिरामिड ही शेष रह गया है बाकी सभी प्रकृतिक आपदाओं का शिकार हो चुका है I हमारे अथक प्रयासों के बाद भी समय के साथ मिटना नये निर्माण का बीजारोपण होता है I इसी को आधार मानकर पुनः नई सूची बनाने के लिए 1999 में new seven wonders foundation नाम से अमेरिकन सोसाइटी इंजीनियरस के द्वारा एक वेबसाइट बनाया गया है I जिसपर सबसे प्रभावशाली मानव निर्मित संरचनाओं में से 200 धरोहरों को सूचीबद्ध करके वोटिंग के माध्यम से सात स्मारकों को चुनकर यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में सूचीबद्ध किया गया I
वो सात अजूबा ये हैं
1. चीन --चीन की दीवार
2. रोम--विशालकाय स्टेडियम कोलोसियम
3. मैक्सिको-- चीचेन इतजा (माया सभ्यता)
4. पेरू (दक्षिण अमेरिका)-- Machu-pichchu (इंका सभ्यता का सबसे पुराना शहर)
5. अरब-- petra
6. ब्राजील-- ईसा मसीह की विशाल मूर्ति
7. भारत-- आगरा का ताजमहल
और अब आठवां भी
8. कम्बोडिया-- हिन्दू मन्दिर अंकोंरवाट
आइये जानते हैं अंकोंरवाट हिन्दू मन्दिर का आश्चर्य I कम्बोडिया के इस अद्भुत मंदिर में सनातन धर्म और बौद्ध मत की मिश्रित सुगंध है I यह 500 एकड़ में फैले अपनी शानदार वास्तुकला में सिमटा उपासना स्थल है I मन्दिर के केंद्रीय परिसर में कमल के आकार के पाँच गुम्बद हैँ जो सुमेरू पर्वत का
प्रतिनिधित्व करता है I इसकी दीवारों पर स्थानीय खमेर वास्तुशिल्प की जटिल सज्जा है जिसपर विभिन्न हिन्दू ग्रंथों में उल्लिखित प्रसंगों का विस्तार से चित्रन किया गया है I यह मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित था जो कालान्तर में बौद्ध स्थल बना दिया गया है I
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