संदेश

मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सनातन संस्कृति बचाने की जद्दोजहद और लिविंग रिलेशनशिप की बेतहास बढ़ती प्रवृत्ति I

चित्र
हम  2047  के विकसित  भारत  के  सुयोग्य  नागरिक  होने  की संकल्प  लिए क्रमश: आगे  बढ़  रहे  हैं I एक ओर हमें  अपनी  समृद्ध  सनातनी  संस्कृति  पर  गर्व  है I वहीँ  दूसरी  ओर वैश्वीकरण  के साँस्कृतिक  आदान-प्रदान  के  क्रम  में हमारी  युवा पीढ़ी इसकी  मिठास  को  भूलने  लगी  है I जिसे बनाये  रखने  की  जिम्मेवारी इस  सभ्य  समाज  कहे  जाने वाले  संस्था  पर  उतना ही  है  जितना शिक्षा  व्यवस्था और  विधि व्यवस्था पर  भी है I  आज हम आत्म  निर्भर  भारत  की  बात  कर  रहे  हैं I  कई  क्षेत्रों में  (कृषि, लघु  उद्योग, बड़े  बड़े  कल -कारखाने,कौशल विकास ) इस  पर  तेजी  से काम  किये जा रहे  हैं I पर कहीं  न  कहीं हमारी  युवा  पीढ़ी लीविंग रिलेशनशिप  की ...

होली

चित्र
वर्ष परिवर्तन के संधि वेला में अग्नि पूजन (अगजा) का प्रावधान है।जिसमे जलावन के अवशेष (लकड़ी ,पुआल,गोबर के उपले, सरसों के सूखे डंडल, चने,मसूर, खेसारी,गेहुँ  के सूखे पौधे,)को प्रत्येक घरों से इकठ्ठा करके गाँव या शहर के उत्तर दिशा में निर्धारित समय पर प्रज्वलित किया जाता है। जसमे लोग अपने-अपने घरों से पकौड़ियाँ, गेहूँ ,चने की बालियाँ की आहुति दी जाती है। जो प्रतीक है अपने मन मष्तिष्क में वर्ष भर में उपजी विकारों को आहूत करने की।अगले दिन वहीं के धूल से तिलक के शुरुआत करके रंगों की बौछार तक पूरे हर्षोलास के साथ किसी न किसी की हो ली के संकल्प के साथ अपने अपने हमजोली को पूर्ण समर्पण से समर्पित हो जाना ही होली का मर्म है।  हो ली (होली) :------------------------------:       

वैश्विक पटल पर साम्प्रदायिक सौहार्द का अद्भूत दृश्य

चित्र
14/02/2024 का वो अविस्मरणीय  पल जब  यूनाइटेड  अरब  अमीरात (UAE) के  अबूधाबी  में  प्रथम विशाल  हिन्दू  मन्दिर  का उद्घाटन भारतीये  प्रधानमंत्री  श्री  नरेंद्र  मोदी  जी  के  द्वारा किया  जा  रहा था।  सच  मे  मानवता  का सांझी  विरासत  जिवंत  हो  उठा।   Bochasanwasi akshar purushottam swaminarayan sanstha(BAPS) बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के  द्वारा स्वामी  नारायण  जी  को जब साम्प्रदायिक सौहार्द  का प्रतीक  यह  उपासना  स्थल समर्पित  किया  जा  रहा  था।   पूरा  विश्व दोनों  देशों  के  आपसी  तालमेल  को आश्चर्य भरी  निगाहों  से  निहार  रहा  था।   इस  पवित्र दर्शनीय  स्थल  को करीब  से  देखने  की तमन्ना  रखने  वाले  आम  जनों  के  लिए 1 मार्च...

आठ अजूबे

चित्र
विश्व  धरोहरों  के संरक्षण  के उद्देश्य  से बनाये  गए  इस  अजूबे के  शृंखला का प्राचीनतम  इतिहास रहा है I इसका  चुनाव में विश्व  धरोहरों  के  लम्बी  कतारों  में  से कुछ  विशिष्ट मानदण्डों (सही रख  रखाब, इतिहास   और भौगोलिक  आयाम, कलात्मक व संस्कृतिक  मूल्य,  विशिष्टता,  सार्वभौमिक  रूप  से  पहचान) पर खरा  उतरने  वाले  इमारतों  को सूचीबद्ध  किया  जाता  है I युनानी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा बनाये  गये  ये  हैं हमारे प्राचीनतम सात  अजूबे  1 . मिस्र--गीजा का  पिरामिड  2. ईराक-- बेबीलोन  का  हैंगीग गार्डन  3. तुर्कीये-- अटेंमिस का  मन्दिर  4. तुर्कीये --माउशोलस का  मकबरा  5. ग्रीस-- ऑलंपिया में  जेयूस की  मूर्ति  6. ग्रीस-- रोड्स  की  विशाल  मूर्ति  7. ग्रीस -- एलेक्जेंडरिया का  लाइट  हाऊस  इनमे  अब ...

महज इत्तफाक या कुशल प्रबंधन

चित्र
कोई  भी  रचनाकर  जब  किसी  रचना  का संकलन  करते  हैं  तो उन  रचनाओं  को  भावी  पाठकों  तक कुशलता पूर्वक  अर्थपूर्ण संदेश पहुँच  सके  इसका विशेष  ध्यान  रखा  जाता  है।  इसके  लिए  कई  तरह  के विशेषण (वाटर  मार्क  ,सांकेतिक  चिन्ह, सम्बन्धित  विषय  चित्रण, फुट  पाद टिप्पणी/foot  note, शब्दों का  सहसंबंध) का  प्रयोग  किया  जाता  रहा  है।  ताकि  रचना  कि विश्वसनीयता  के  साथ सुरक्षा  का  भी कुशल  प्रबंधन  हो सके।  अनुसन्धान  से  एक  ऐसे  ही कुशल  प्रबंधन  का पता  चला  है  कि सनातन परम्परा के वाहक  रूपी  बाल्मीकि  रामायण की  जो  रचना  है उसमें अंतर्निहित  जन मानस  के  स्मृति  पटल  पर सहजता  से  उकेरे  गये " गायत्री  मंत्र "  ऊँ ...