श्री अन्न/Millets
कालान्तर में इसे मोटे अनाज, गरीबों का अनाज, केवल भूख मिटाने वालेे अनाज जैसी संज्ञा देकर उपेक्षित किया जाता रहा विशेषकर हरित क्रांति के समय I नये नये अनुसन्धान करके गेहूँ और धान की कई किस्मों को विकसित करके उसकी उपज बढाने पर जोर दिया जाने लगा I जिसके भीड़ में मोटे अनाज गुमनामी के अंधेरे में खोने लगा I
वर्तमान समय के आधुनिक अनुसंधान से यह पता लगाया जा चूका है की इसमें काफी मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते है जो हमारे शरीर के लिए काफी उपयोगी है I विशेषकर शाकाहारी लोगों के लिए तो वरदान साबित हो रहा है I इसे पोषण का पावर हाऊस कहा गया है I अब तो इसे श्रीं अन्न की उपाधि से भी नवाजा जा चूका है I
इसका महत्व अब पूरी दुनिया जान चुकी है इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्वो का प्रामाणिक अध्ययन हो चूका है I
मोटे अनाज में पाये जाने वाले पोषक तत्व
1. ज्वार-
यह gluten-free होने तथा उतम प्रोटीन से भरपूर होने के कारण मधुमेह रोगियों के लिए अनुकूल आहार है I
2.बाजरा-
यह विटामिन B6,फोलिक एसिड से भरपूर होता है I
3. रागी -
इसमें कैल्शियम और प्रोटीन प्रचूर मात्रा में होता है I जो हड्डियों की मजबूती के साथ-साथ बढ़ते बच्चों के लिए काफी उपयोगी है I
4. चीना -
इसमे प्रोटीन की प्रचुर मात्रा(12%) होतीहै I
5. सामा-
यह आयरन &फाईवर से भरपूर होता है I
6. कांगनी-
यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर करता है detoxification, BP, Bad cholesterol को दूर करता है I
7. कोदो -
यह फाईवर से भरपूर होता है I
8. कुटकी-
इसमें मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है I
International year of millets 2023
वर्ष 2018 में जब भारत ने वैश्विक मंच पर मोटे अनाज के गुणवत्ता को आम से खास तक के लिए उपयोगी बताते हुए इसके उत्पाद को बढ़ाने की बात रखी तो इसका समर्थन 72 देशों ने किया है I सबके सामुहिक प्रयास से 2021 में UNGA के द्वारा यह सुनिश्चित किया गया की वर्ष 2023 को International year of millets घोषित किया जायेगा I
जब 2023 को अंतर्राष्ट्रीय millets वर्ष घोषित किया गया तो सोने पे सुहागा वाली कहावत को चरितार्थ करने वाला स्थिति तब बन गईं जब G-20 देशों की 2022-23 की अध्यक्षता भारत को मिली I पूरे वर्ष भारत के कई हिस्सों में G-20 की अनेकों बैठकें हुई I जिसमे भारत सरकार द्वारा मेहमानों के व्यंजन में millets को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करने का आदेश पारित किया गया I श्री अन्न के स्वाद व गुणों से विश्व को परिचित कराने का इस स्वर्णिम अवसर का भरपूर लाभ लिया गया I
जिसका परिणाम यह हुआ की आज विश्व स्तर पर इसकी माँग बढ़ गईं है जिसकी पूर्ति में भारत अग्रणी है I भारत विश्व का 20% और एशिया का 80% उत्पादक देश है I
इसका सीधा सीधा फायदा छोटे एवं मझोले किसानों को हुआ जो भारत के अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहयोगी साबित होगा I
ICAR के एक सर्वे के अनुसार समग्र रूप से श्री अन्न में वसा 2.5, कार्बोहाइड्रेट 65-75%, प्रोटीन 7-12%or फाईवर 15-20% पाया जाता है I
श्री अन्न के विकास और समृद्धि के लिए हैदराबाद में research centre खोला गया है जिसमे उतम श्रेणी के बीज से लेकर उत्पादन और बाजार व्यवस्था पर लगातार काम किया जा रहा है I प्रत्येक व्यक्ति के प्रतिदिन के आहार में 30%इसका समावेश सुनिश्चित हो इसका भरपूर प्रयास किया जा रहा है I सरकारी गैर सरकारी योजनाओं में, आंगनबाड़ी से लेकर महाविद्यालय के कैंटीन तक, रेलवे,अस्पतालों के कैंटीन में इसे जगह दिया जा रहा है इसके वाबजूद लोगों को अभी और जागरूक करने की जरूरत है I इसे हम और आप मिलकर साकार करें I
:-‐----------------:

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें