अमृतकाल का अमृत वेला
अभी अभी 8 मार्च को हमने अन्तराष्ट्रिय महिला दिवस पूरे जोश और उत्साह से मनाया है। यह अमृतकाल (2023 -2047 )का पहला वर्ष है। 2022 को पूरे वर्ष अमृत महोत्सव के रूप मे मनाते हुए 15 अगस्त 2022 को आजादी के 75 वें वर्ष पूरे किए। इसके साथ हीआगे के 25 वर्षों को अमृतकाल का नाम देकर आगे बहुत कुछ करना बाकी है की प्रेरणा लेकर बढ़ चले हैं। जब हम 15 अगस्त 2047 को आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहे होगें जिसे विशेष बनाने के लिए अभी से ही सतत प्रयास जारी रखना होगा।
आजादी के बाद से अगस्त का महिना हम भारतीयों के लिए विशेष रहा है।आज जब हम आजादी का 75 वें वर्ष मना रहे हैं तो इसी माह 7 अगस्त 2022 की वो स्वर्णिम यादगार लमहें जिसे हम अमृत वेला कह सकते हैं। जिसमे आनेवाले अमृतकाल का अंकुर प्रस्फुटित होता नजर आ रहा है। यह हमारे लिय विशेष महत्व का इसलिए भी है कि इसमे हमारे गाँवों का देश भारतवर्ष के 75 चुनिंदा गांवों के 75 स्कूलों की 750 छात्राओं के द्वारा 75 पेलोड से युक्त"आजादी सैट "का श्री हरिकोट के धवन स्पेश सेंटर से सफल प्रक्षेपण मन मस्तिष्क पर अमित छाप छोड़ गई। यह है तो एक छोटा सा ही उपग्रह पर इसमे हौसलों की बुलंदियाँ बड़ी है।
यह जय जवान, जय किसान,जय विज्ञान से लेकर जय अनुसंधान तक की यात्रा का जीवंत उदाहरण स्वरूप है। जो स्कूल की कक्षा से लेकर अंतरिक्ष की कक्षा तक की प्रेरणादायी अनुभवों को समेटे हुए भविष्य की उचाइयों को छूने के लिए अंगड़ाइयाँ ले रही है।
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