यात्रा :राजगीर वन्यप्राणी सफारी


 

अंततः वो दिन( 27 /01 /2023 शुक्रवार )आ ही गया जिसका पिछले दो वर्षों से इंतजार था। लॉकडाउन के आँख मिचौली के बीच अब पूर्णतः इस सफारी का आम जनता के लिए खुलना वाकई उत्साह और रोमांच से भरपूर प्रकृति का सानिध्य एक अलग दुनिया के सैर का अनुभव कराता  है। सुबह नौ बजे से शाम के पाँच बजे (9 Am to 5 Pm )तक इसका दरवाजा खुला रहता है। इसमे प्रवेश के लिए online और ofline दोनों तरह का टिकट उपलब्ध है। पर अपने अनुभव से बताना चाहूँगी की online टिकट लेने से आपके समय का काफी सदुपयोग हो जाता है। साथ ही थोड़ी सी भी समय प्रबंधन कर लें (कब कहाँ किस क्रम मे जाना है)तो आप यात्रा का पूरा आनंद उठा सकते हैं। अन्यथा एक टिकट पर दिए गए 4 घंटे का समय पूरे सफारी घूमने के लिए कम पड़ जाएगा। 

आइए करते हैं समय प्रबंधन। सबसे पहली और खास बात दरवाजे पर हल्का नाश्ता का प्रबंध होता है आप अपने स्वादानुसार उसका लुप्त उठाकर ही अंदर प्रवेश करें। प्रवेश द्वार से सटे ही म्यूजियम है उसे देखने से खुले मे वन्य प्राणियों (चीता, शेर, बाघ, भालू,अनेक प्रजाति के हिरण, बंदर )को घूमते देखने का उत्साह दोगुना हो जाएगा । अब आप जू सफारी भ्रमण के लिए तैयार हैं। जहाँ प्रशिक्षित गाईडयुक्त सुरक्षित वाहन से भ्रमण करवाया जाएगा वो लगभग एक घंटे का होता है परंतु अन्य प्रक्रियाओ को पूरा करते करते इसमे करीब डेढ़ से दो घंटे लग ही जाते हैं। 

अब आप नेचर सफारी के लिए प्रस्थान करेंगें जिसमे ग्लास ब्रिज सहित अन्य एक्टिविटीज (सस्पेंस पुल, जीप लाईन, साइकलिंग, शूटिंग, धनुशबाण )का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। ग्लासब्रिज मे अधिकांशतः 11 बजे से 1 बजे तक लंबी कतार देखी जाती है। इससे बचने के लिए अन्य एक्टिविटीज को अपने क्षमता, पसंद और सुविधानुसार पूरा करके हो सके तो कैफेटेरिया का लुप्त उठाते हुए 1 बजे से बाद का समय ग्लास ब्रिज के लिए रखें । 

ग्लास ब्रिज इस पूरे सफारी का केंद्र बिन्दु है। ये हमारा सौभाग्य है की यह अद्भुत नजारा हमारे अपने बिहार के नालंदा (राजगीर )मे है। इस वक्त इस पर भीड़ कम होने से आप इसे सिर्फ सेल्फ़ी तक ही सीमित न रखते हुए इसके रोमांच का एक एक क्षण को यादों के झरोखों मे जीवंत कर सकते हैं। जब हम ग्लास के सीढ़ियों पर चढ़ना प्रारम्भ करते हैं तो हरे -भरे जंगलों के बीच एक अविस्मरणीय क्षण को सँजोये हुए आगे बढ़ते जाते हैं। जब अंतिम बिन्दु जो की एक चक्राकार आकृति का बना हुआ है पर पहुँचते हैं तब ऊपर हरे -भरे पहाड़ों, मनमोहक ठंडी हवाएं, हल्की कम्पनयुक्त ग्लास ब्रिज से नीचे शीशे से छनकर गहरी खाई का जो अद्भूत दृश्य होता है सचमुच सम्पूर्ण यात्रा का सुखद समापन का अनुभव करते हुए आप अनायास ही बोल उठेंगें ;वाह--- वाह ---वाह---Have a nice day . वाउ -------full time paisa वसूल।  इस तरह आज की यात्रा का सुखद एहसासों के साथ समापन करते हैं। 

जय हिन्द जय बिहार 

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