हर-हर गंगे घर-घर गंगे
जब हम कभी कथानकों में कही -सुनी बातों को हकीकत में देखते हैं तो आश्चर्य से हमारी आँखें विस्मयादी बोधक भावों के साथ खुली की खुली रह जाती है। ऐसे ही अविस्मरणीय क्षण के हम बिहारवासी साक्षी बने। जब 27/11/2022 को गंगा की पहली नल -जल धारा गंगा से 100 -150 किलोमीटर दूर पाइप से होते हुए राजगीर, गया और बोधगया मे निर्मित जलाशयों मे संग्रहीत होकर राजगीर के घरों के नलों मे समाहित होकर नल -जल धारा के रूप मे प्रवाहित हुई । तत्पश्चात 28/11/2022 को बुद्ध की तपोभूमि गया और बोधगया के पवित्र धरा पर भी इस नल -जल का पदार्पण हुआ ।
भागीरथी प्रयास से धरती पर गंगा अवतरण की कहानी तो हम सबने पढ़ी -सुनी है । पर अभी -अभी जो हमने हर -हर गंगे से घर -घर गंगे की यात्रा पूरी की है यह हमारे वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का दूरदर्शी दृष्टिकोण का फलीभूत परिणाम है । जिसकी कल्पना करना ही अपने आप मे अद्भूत है और उसका ससमय क्रियान्वित होना सच में किसी चमत्कार से कम नही है ।
यह परियोजना जल जीवन हरियाली का हिस्सा है । जिसकी लागत लगभग 4500 करोड़ तक की है । जल की महत्व को समझते हुए इसकी अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखने के उदेश्य से ही प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर की मात्रा निर्धारित की गई है । इस योजना का क्रमशः विस्तार देने का भी लक्ष्य रखा गया है । इसे गंगा की अविरल धारा से छेड़ -छाड़ किए बिना ही बरसात के मौसम मे हुए अतिरिक्त जल को सँजोकर मानवीय मस्तिष्क की क्रियाशीलता से उसे पीने योग्य बनाकर ही घर -घर पहुँचाने के संकल्प को पूरा किया गया है । अब हमारा दायित्व बनता है की हम गंगा को अपने विवेकपूर्ण व्यवहार से स्वच्छ रखें ताकि इसकी गुणवता बनी रहे ।
जय माँ गंगे
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Jay Ganga maiya🙏
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