पितृपक्ष
पितृपक्ष यानि की पितरों (पूर्वजों )को याद करने का समय । आज (25 /09 /2022 )पितृपक्ष का अंतिम दिन है । यह प्रति वर्ष आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष के प्रथम दिन से लेकर अमावस्या तक (सम्पूर्ण पक्ष )उत्सव की तरह मनाया जाता है।जो मान्यताओं के अनुसार हमारे पूर्वजों को समर्पित है। यह कोई कठोर नियम व्रत पालन करने का संदेश नहीं है। बल्कि श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों को ससम्मान याद करने का समय होता है। ऐसी मान्यता रही है की भावी पीढ़ी के द्वारा मृत आत्मा का मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंड दान या गया श्राद्ध किया जाता है। जो गया के फल्गु नदी के तट पर इसी पितृपक्ष के दौरान सम्पन्न कराया जाता है। ऐसी मान्यता है की हमारे पूर्वज इस विशेष कालखंड मे भूलोक पर विचरण करने आते हैँ। अपने भावी वंशजों के सुख -समृद्धि देखकर उन्हें आशीर्वाद देते हैँ ।


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