उपभोक्ता मंच /Consumer Forum
आइये सबसे पहले हम जानते हैं की उपभोक्ता कौन है?
सामान्य शब्दों में वह कोई भी व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए सामान अथवा सेवाएँ खरीदता है वह उपभोक्ता कहलाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है। चाहे वह महिला हो या पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्ध, शिक्षित, अशिक्षित, शहरी, ग्रामीण, निर्धन, धनी कोई भी हो सकता है।
प्रो. मार्शल -"उपभोक्ता वह व्यक्ति है जो उपभोग के सच्चे अर्थ को समझकर उपभोग करता है। "
उपभोक्ता शिक्षा क्या है और इसकी जरूरत क्यों पड़ी।
उपभोक्ता शिक्षा हमे अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक करता है। जब हम कोई वस्तु बाजार से खरीद कर लाते हैं और हमारा उदेश्य की पूर्ति नहीं होता है तो हमे अपने ठगे जाने का एहसास होता है। तब हम सोचने लगते हैं की हमने क्या गलतियाँ की है। इसी समस्या के समाधान के लिए उपभोक्ता शिक्षा की जरूरत पड़ी। यह हमें क्रय संबंधित निर्णय लेना सिखाता है जैसे -क्या खरीदना है ?कहाँ से खरीदना है ?कब और कैसे खरीदना है ?कितना खरीदना है ? यह तभी सम्भव् है जब हम उपभोक्ता के अधिकार और कर्तव्यों को अच्छी तरह जानेगें।
उपभोक्ता के अधिकार
- सूचना का अधिकार।
- सुरक्षा का अधिकार।
- चयन का अधिकार।
- सुनवाई का अधिकार।
- क्षतिपूर्ति का अधिकार।
- स्वच्छ वातावरण का अधिकार।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
- लेबल को ध्यान पूर्वक पढ़ना।
- असत्य आकर्षक विज्ञापन से बचना।
- विश्वसनीय दुकानों और संस्थानों से ही सामान और सेवाएं लेना।
- उचित कीमत एवं गुणवत्ता वाली ही वस्तुएँ खरीदना।
- वस्तु का बिल,नकद रसीद गारण्टी -वारण्टी,तिथि आदि का निरीक्षण कर लेना।
- निर्माता के निर्देशानुसार वस्तु का प्रयोग करना।
- मानकीकरण चिह्न वाली वस्तुएँ खरीदना।
- उपभोक्ता अधिकारों का ज्ञान होना।
- श्रेणीकरण एवं बाजार अधिनियम ,1937 .
- भार एवं माप स्तरीकरण अधिनियम 28 मार्च 1939 .
- औषधि एवं मादक पदार्थ अधनियम 1940 .
- आवश्यक वस्तु नियंत्रण एवं मिलावट निरोधक अधिनियम 1 जून 1955 .
- एकाधिकार और नियंत्रित व्यापार अधिनियम 1969 .
- डिब्बा बंद वस्तु कानून 1970 .
- घरेलू विद्युतीय उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) अधिनियम 1976 .
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 .
Consumer Forum -यह सरकार द्वारा स्थापित किया गया न्यायालय है। जो अन्य न्यायालय की तरह ही काम करता है। इसकी विशेषता यह है की यहाँ सिर्फ उपभोक्ताओं के विवादों का ही निपटारा किया जाता है। उपभोक्ता फोरम केंद्र का टोलफ्री नंबर 1800114000 और 14404 पर कॉल करके या सीधे फोरम में जाकर उपभोक्ता अपना शिकायत दर्ज करा सकता है।
- जिला मंच -यदि क्षतिपूर्ति की रकम 20 लाख से कम हो।
- राज्य आयोग -यदि क्षतिपूर्ति की रकम 20 लाख से अधिक और 1 करोड़ से कम हो।
- राष्ट्रीय आयोग -यदि क्षतिपूर्ति की रकम 1 करोड़ से अधिक हो।
शिकायत कैसे दर्ज करें।
- शिकायतकर्ता (एक या अधिक व्यक्ति ,कोई संस्था ,उपभोक्ता की मृत्यु होने की स्थिति में उसका वैध उत्तराधिकारी अथवा प्रतिनिधि )और विपक्ष का नाम ,पता और उसका पूरा विवरण।
- शिकायत से संबधित तथ्य और यह समस्या कब और कहाँ से उतपन्न हुई।
- आरोपों से संबंधित दस्तावेज।
- क्षतिपूर्ति की रकम।
- शिकायतकर्ता का हस्ताक्षर।
- न्यायालय शुल्क जो वर्तमान में निर्धारित हो।
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