भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को सादर श्रद्धांजलि
28 सितंबर 1929 -6 फरवरी 2022
भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को सादर श्रद्धांजलि
सुर सागर की अविरल धारा का अचानक से रुक जाना एक इतिफाक कहें या प्रकृति का करिश्मा। वसंत पंचमी की उत्कर्ष वेला की पावनी सुबह जब हम सब माँ सरस्वती की विदाई की तैयारी में लगे थे। उसी वक्त सरस्वती की असीम कृपा प्राप्त बल्कि यों कहें साक्षात् सरस्वती की प्रतिमूर्ति का इस मृत्युलोक से चले जाना महज इतिफाक नहीं हो सकता। ये अद्भुत,अनोखा प्रकृति का करिश्मा ही है। जिस तरह प्रतीकात्मक रूप से सरस्वती माँ की मूर्ति पूजन और विसर्जन जन मानस में एक ऊर्जा का संचार करता रहा है उसी तरह हमारी ममतामयी माँ स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी की मधुर गीतों की गूँज हमेशा -हमेशा के लिए प्रकृति के कण -कण में गुंजायमान रहेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी इस सुर सागर में डुबकिया लगाती रहेगी।
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OM Shanti
जवाब देंहटाएंRest in peace.
🙏
हटाएंBehad bhaopurna sharadhanjali 🌼🙏🌼
जवाब देंहटाएं🙏
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