खनिज लवण /Minerals
खनिज लवणों को शरीर निर्माण तथा नियामक तत्व माना जाता हैं। मानव शरीर में न्यूनाधिक लगभग 24 प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं। Calcium, phosphorus, Magnesium,
Sodium, Potassium, Iron, Copper, Iodine, Zinc, Manganese, Cobalt, Fluorine,
Chromium, Sulphur, Chlorine, Aluminium, Arsenic
Bromine, Nickel, Cadmium, Selenium, Silicon, Vanadium and Molybdenum .
इनमे से प्रमुख्य 5 Major Elements और 5 Trace Element की चर्चा विस्तार से करते हैं। और जानते है की ये किन किन भोज्य पदार्थो से हमे प्राप्त होते है,इनके हमारे शरीर मे क्या क्या कार्य है और इनकी कमी से कौन कौन से रोग होते है।
1) मेजर तत्व Major Elements
· कैल्शियम
· फॉस्फोरस
· मैग्नीशियम
· सोडियम
· पोटेशियम
2) ट्रेस तत्व Trace Elements
· आयरन
· आयोडीन
· ताँबा
· जस्ता
· गंधक
Major Elements
- 1 कैल्शियम Calcium --शरीर में पाये जाने वाले खनिज लवणों की कुल मात्रा (4 %) का आधी 1 /2 मात्रा लगभग 2 % कैल्शियम की होती है।
- स्रोत-पत्तागोभी,फूलगोभी,शलजम,हरी,सब्जियाँ,दूध,पनीर,दाल,सुखे मेवे,बादाम,अंजीर,अंडे,मछली।
- कार्य -रक्त का थक्का जमने में सहायक, अस्थि और दातों के निर्माण में सहायक तथा कार्बोहाइड्रेट ,वसा व् प्रोटीन के पाचन में उत्प्रेरक का कार्य करता है।
- कमी से -रिकेट्स ,टिटेनिक, डीकैल्सिफिकेशन , ऑस्टियोपॉरोसिस, आस्टोमलेशिया।
- 2 फॉस्फोरस Phosphorus
- स्रोत -जिस आहार में कैल्सियम और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होगी उसमे फॉस्फोरस की उपस्थिति निश्चित रूप से होगी।
- कार्य -अस्थि और दातों के निर्माण में सहायक और पोषक तत्वों के अवशोषण को सरल बनाना।
- अवशोषण -छोटी आंत में अकार्बनिक फास्फेट की तरह होता है।
- 3 मैग्नीशियम Magnesium
- स्रोत -समस्त अनाज, दालें, हरी पत्तीदार सब्जियां, केले तथा खजूर।
- कार्य -शारीरिक एंजाइम को सक्रिय करना, कैल्सियम व् फॉस्फोरस के चयापचय में मदद करना और मांसपेशियों और नाड़ी ऊतकों की शक्ति को नियंत्रित करना।
- कमी से -मांपेशियों में ऐठन व् कम्पन टिटेनिक की तरह होने लगता है। रोग की तीव्रता में Delirium डेलेरियम (अचानक से व्यवहार में परिवर्तन जोर -जोर से हसना, रोना, या आवाक हो जाना)की स्थिति आ जाती है।
- 4 सोडियम Sodium
- स्रोत -खाने का नमक (2 से 6 gm /व्यक्ति/दिन )
- कार्य -
- जल संतुलन बनाये रखना।
- मांसपेशियों के संकुचन तथा नाड़ी संस्थान की संवेदना शक्ति को बनाये रखना।
- ह्रदय की धड़कन तथा स्नायु द्वारा प्राप्त होने वाली उत्तेजना को बनाये रखना।
- अवशोषण -छोटी आंत में बड़ी तीव्रता से होती है।
- कमी से -अतिसार, वमन, जी मिचलाना, पेट, पैरों और मांसपेशियों में ऐंठन ,थकान।
- 5 पोटेशियम Potassium
- स्रोत -रसदार फलों, नींवू ,संतरा, खीरा, ककड़ी, टमाटर, अंगूर, तथा आलू और चावल की सफेदी में भी पाए जाते हैं।
- कार्य -यह अधिकांशतः अन्तः कोशिकीय द्रव्य ,लाल रक्त कणिकाओं एवं मांसपेशियों को विश्राम प्रदान करता है।
- कमी से -भूख की कमी, ह्रदय की धड़कन अनियंत्रित, चीड़चीड़ापन।
- 1 आयरन Iron -शरीर में पाए जाने वाले कुल लौह तत्व का (4 -5 gm )70 %हीमोग्लोविन में, 25 %अस्थि मज्जा ,यकृत, प्लीहा में, 4 %मांसपेशियों में, 1 %प्लाज्मा और एंजाइम में होता है।
- स्रोत -अंड ,मांस, तथा सुखे फल आयरन का अच्छे साधन हैं इसके अलावा अनाज, दाल, नट्स ,गुड़, शक़्करऔर मुन्नका आदि में भी पाए जाते हैं।
- कार्य -रक्त निर्माण, प्रतिरक्षी कोशिकाओं का निर्माण, यकृत में दवा से उत्पन व् अन्य विषैले प्रभाव को समाप्त करना, साथ ही शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बनडायक्साइड का संवहन करना।
- अवशोषण -आमाशय एवं छोटी आँत में। कैल्सियम की अधिकता आयरन के शोषण में बाधक बनती है जबकि विटामिन C की उपस्थिति आयरन के शोषण में सहायक होती है।
- कमी से -एनीमिया, रक्तल्पता।
- 2 आयोडीन Iodine--50 से 100 Mg /व्यक्ति /दिन
- स्रोत -समुद्री मछली,समुद्री घास,प्याज,हरी सब्जियाँ और नमक। आयोडीन थायराइड ग्रंथि के हार्मोन थायराक्सिन का मुख्य घटक है।
- कार्य -शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है।
- अवशोषण -आमाशय में छोटी आँत द्वारा अवशोषित होकर रक्त परिवहन के द्वारा सीधे थायराइड ग्रंथि में पहुंचा दी जाती है।
- कमी से -गॉइटर Goiter नामक रोग,घेंघा, मिक्सिडिमा,क्रिटिनिज्म।
- 3 ताँबा Copper 2 से 5 Mg /व्यक्ति /दिन
- स्रोत - यकृत, मांस, दाल, आनाज, जौ, सूखे फलों, चाय, कॉफी इत्यादि।
- कार्य -आयरन के साथ मिलकर हीमोग्लोविन बनाना।
- कमी से -एनीमिया।
- 4 जस्ता Zinc
- मात्रा -शिशु 3 -5 mg ,बालक 10 -15mg ,वयस्क 15 mg, गर्भावस्था और दुग्धस्राव 20 -25 mg .
- स्रोत -अधिकांशतः सभी भोज्य पदार्थ में ,विशेषकर पशुओं के यकृत और हडियों में।
- कार्य -इन्सुलिन बनाने में सहायक।
- कमी से -त्वचा का फटना, एनीमिया, विकास में अवरोधऔर लैंगिक परिपक्वता में कमी जिसे बौनापन या डरवाफिजम भी कहते हैं।
- 5 गंधक Sulphur
- स्रोत -अंडा, मांस, पनीर, मक्का, ज्वार, अंकुरित बीज, मूंगफली और हींग।
- कार्य -बाल, नाख़ून, त्वचा के वर्णक वृद्धि में सहायक तथा मांसपेशियों के विकास में भी सहायक होते हैं।
- कमी से -बाल का झड़ना और शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव परना।
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