गृह विज्ञान के नजरिये से 2020
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है गृह विज्ञान यह एक ऐसा विषय है जिसमे कला और विज्ञान दोनों को एक समान समाहित किया गया है। अन्य विषयों के साथ ऐसा नहीं है। या तो वह कला है या विज्ञान। जहाँ कोई विषय वस्तु की गहन अध्ययन करके उस विषय की विशेषज्ञता हासिल तो कर सकता है परन्तु जब सम्पूर्ण जीवन को एक फ्रेम में करने की कल्पना करते है तो वहाँ कला और विज्ञान दोनों का समान सहभागिता के बिना संतुलित जीवन पद्धति का परिकल्पना ही अधूरी रह जाती है। बहुत हद तक हमारा गृह विज्ञान इस परिकल्पना को पूरा करता नजर आता है। जिसमे जीवन से जुड़ी प्रत्येक पहलू पर आधारभूत जानकारी देने की कोशिश की गई है। अब तक उपेक्षित नजरीये से देखि जाने वाली इस विषय को जिसे एक विषय के रूप में स्वीकारने में ही काफी समय लग गया।
जब नई शिक्षानीति में इस बात पर जोर दिया गया की विद्यार्थी के रूचि के अनुसार विषयों का चयन करने की आजादी होगी एक विज्ञान का विद्यार्थी भी कला विषयों का अध्ययन साथ में कर सकता है और एक कला या वाणिज्य का विद्यार्थी भी विज्ञान विषयों का अध्ययन कर सकता है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य रोजगारपरक होना चाहिए जिसकी नई शिक्षानीति 2020 में विशेष ख्याल रखा गया है। ऐसे में गृह विज्ञान का महत्व और बढ़ जाता है। जिसकी पृष्ठभूमि ही इस तरह तैयार की गई है की जीवन से जुड़ी प्रत्येक बुनयादी जरूरतों का ज्ञान विद्यार्थी को सहजता से हो जाय। इसमें लड़का -लड़की दोनों को अध्ययन से जोड़ा जाना चाहिए क्यांकि घर को सुचारु रूप से चलाने में दोनों का सहयोग बराबर की होगी तभी एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण में नई पीढ़ी का संतुलित विकास हो सकेगा।
जहाँ तक बात 2020 की है तो वर्ष के शुरुआत से ही कोविद -19 नाम का अदृश्य वायरस सक्रिय होने लगा देखते ही देखते चंद दिनों में ही पूरा का पूरा विश्व ही इसके चपेट में आ गया। जब सभी विकसित देश आधुनिक चिकित्सा पद्धति के तरफ बदहवास हो कर भाग रहे थे अस्पतालों के अंदर बाहर लाशों के ढेर लग रहे थे। वैसे हालत में भी हम भारतीय अपनी वैभवशाली चिकित्सा पद्धति की ओर नजरें गड़ाये हुए थे जो समय के साथ विलुप्तावस्था के कगार पर पहुँच गई थी। इसके पुनर्निर्माण में हमारा गृह विज्ञान जिसमे रोजमर्रा के खान -पान से लेकर व्यक्ति विशेष,उम्र विशेष ,रोग विशेष ,काम विशेष को ध्यान में रखते हुए आहार -विहार पर एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
जब हम अचानक से अपने -अपने घरों में बंद हो गये तो हमारे पास सीमित संसाधनों में अनिश्चित समयावधि के लिए जीवनयापन का एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया। ऐसे में भी उपलब्ध संसाधनों का संतुलित व्यवहार करके अत्यधिक संतुष्टि पाने की कला गृह विज्ञान का प्रमुख लक्ष्य में निहित है। इसके आलावा वेरोजगारी से उपजी मनोविकारों को भी अपने आस- पास के ही वातावरण को कैसे क्रियाशील बनाया जाय इसकी भी ज्ञान हमे गृह विज्ञान में मिल जाती है इसके आलावा जो सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य रहा वो है छोटे -छोटे बच्चों को घर में कैद करके रखना जिसमे वाल मनोविज्ञान की अहम भूमिका रही।
इस तरह काफी चुनौतीपूर्ण वर्ष ( 2020 ) होने के वावजूद भी हममे इसका सामना करने का साहस भरता रहा हमारा गृह विज्ञान का ज्ञान। साथ ही योग और आयुर्वेद का ऋषि परम्परा से मिली ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ सामंजस्य करने की प्रेरणा भी दे गया यह वर्ष।
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