क्यों पहने वस्त्र दिनानुसार
आज के इस वैज्ञानिक युग में भी मानव मन उस दिव्य अलौकिक शक्ति को पूर्णरूप से नकार नहीं पाया है। देवी -देवताओ व धर्म के प्रति गहरी आस्था मानव को उसके तह तक जाने को सदा से उत्प्रेरित करता रहा है।
- रविवार --यह भगवान भास्कर (सूर्य ) का दिन माना जाता है। सूर्य की लाली जीवन में शौर्यवान होने का प्रतीक है अतः रविवार का संबंध पीलापन लाल रंग से है अर्थात केसरिया या सुनहरा।
- सोमवार --यह चन्द्रमा का दिन है जो चन्द्रमा के शीतलता व सादगी का प्रतीक है। इस दिन का रंग उजला है।
- मंगलवार --मंगलवार माँ भगवती का दिन है जिनका वस्त्र लाल है। माँ सुख -शांति का प्रतीक होती है अतः मंगलवार का रंग लाल है।
- बुधवार --इसका संबंध स्वास्थ्य और व्यापर से है साथ ही वाणी में मधुरता लाता है। जिसका संबंध हरा रंग से है।
- गुरुवार --यह देवताओ के परम् गुरु भगवान बृहस्पति का दिन है जो सदैव पीले वस्त्र धारण करते है। आधुनिक जगत में भौतिक वस्तुओ का रसास्वादन लेने हेतु पीला वस्त्र धारण करने की मान्यता है। अतः इस दिन का संबंध पीले रंग से है।
- शुक्रवार --संसार का निर्माणिक आधार शुक्र का रंग श्वेत है जिसकी पुष्टता पुरुषार्थ दर्शाता है। सम्पूर्ण स्वास्थ्य की निर्भरता इसी पर आधरित होना हरा रंग का द्योतक है। उदेश्य विशेष से इस दिन का रंग उजला और हरा दोनों है।
- शनिवार --मान्यताओं के अनुसार शनि सूर्य देव के पुत्र है जिन्हें परम न्यायधीश का कार्यभार सौपा गया है। इनका वस्त्र कला है जो क्रूरता का प्रतीक है। उचित न्याय के लिए पक्षपात रहित होना अनिवार्य है जिसका एक अंग क्रूरता भी है। अतः शनिवार का रंग काला है।
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बहुत ही अच्छा लगा।
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