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मार्च, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय नारी का । रिश्ता साड़ी का ।।

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  साड़ी भारत का केवल एक वैविध्य आकार -प्रकार का वस्त्र ही नही है बल्कि सम्पूर्ण संस्कृति है। जिसकी लोकप्रियता देश- विदेश और वैश्विक पटल तक है। तभी तो G -20 जैसे मंच पर भी जहाँ 20 देशों के प्रतिनिधि अपने विचारों को साझा करके वैश्विकसमस्याओं का समाधान खोजते हैं। इस मंच पर जब भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ मुंडे जो की वर्तमान मे अन्तराष्ट्रिय मुद्रा कोश की Deputy Managing Director भी हैं। अपने भारतीय परिधान साड़ी मे Dress -Up होकर मंच साझा करने आती हैं तो उनके चेहरे पर जो भारतीय होने का गर्व होता है वह केवल एक प्रतिनिधि के रूप मे नही बल्कि सम्पूर्ण भारतीयता को Represent करती है।  ये दृश्य हमे उस वक्त देखने को मिला जब 24 -25 फरवरी 2023 को हुए बैंगलूर बैठक जो सभी देशों के वित मंत्रियों और केन्द्रीय बैंकों के गवर्नर (FMCBG)की बैठक थी। हमारे वर्तमान वित मंत्री श्री मती सीता रमण जी तो हमेशा से ही साड़ी पहनती रही हैं। पर हमेशा से Corporate Dress मे Meeting Attend करने वाली Deputy Managing Director भारत मे होने वाले G-20 के मंच पर भारतीयता का प्रतीक साड़ी पहनकर अपना Presentation देने आती हैं इत...

अमृतकाल का अमृत वेला

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  अभी अभी 8 मार्च को हमने अन्तराष्ट्रिय महिला दिवस पूरे जोश और उत्साह से मनाया है। यह अमृतकाल (2023 -2047 )का पहला वर्ष है। 2022 को पूरे वर्ष अमृत महोत्सव के रूप मे मनाते हुए 15 अगस्त 2022 को आजादी के 75 वें वर्ष पूरे किए। इसके साथ हीआगे के 25 वर्षों को अमृतकाल का नाम देकर आगे बहुत कुछ करना बाकी है की प्रेरणा लेकर बढ़ चले हैं। जब हम 15 अगस्त 2047 को आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहे होगें जिसे विशेष बनाने के लिए अभी से ही सतत प्रयास जारी रखना होगा।  आजादी के बाद से अगस्त का महिना हम भारतीयों के लिए विशेष रहा है।आज जब हम आजादी का 75 वें वर्ष मना  रहे हैं तो इसी माह 7 अगस्त 2022 की वो स्वर्णिम यादगार लमहें जिसे हम अमृत वेला कह सकते हैं। जिसमे आनेवाले अमृतकाल का अंकुर प्रस्फुटित होता नजर आ रहा है। यह हमारे लिय विशेष महत्व का इसलिए भी है कि इसमे हमारे गाँवों का देश भारतवर्ष के 75 चुनिंदा गांवों के 75 स्कूलों की 750 छात्राओं के द्वारा 75 पेलोड से युक्त"आजादी सैट "का श्री हरिकोट के धवन स्पेश सेंटर से सफल प्रक्षेपण  मन मस्तिष्क पर अमित छाप छोड़ गई। यह है तो एक छोटा सा ही उपग्रह प...

हमारा खान - पान का PH मान

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  हमारे शरीर मे आहार से प्राप्त रसों तथा शारीरिक अंतः क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न घोलक  पदार्थ (खून, पसीना, मूत्र, आंतरिक रस )मे पाए जाने वाले अम्ल और क्षार  की मात्रा को PH मान पर मापा जाता है। जिसकी खोज 1909 ई० मे एक डेनमार्क के वैज्ञानिक डॉ o सोरेन सोरेनसेन ने की है।  PHमान निकालने के लिए पदार्थों को घोलक प्रारूप मे २५ डिग्री c पर मापा  जाता है । जिसे PH मान स्केल पर 0  से 14 तक इकाई के रूप मे दर्शाई जाती है। जिसका प्रारूप कुछ इस प्रकार है।  7 से कम अम्लीय तथा 7 से अधिक क्षारीय को दर्शाता है। बीच के 7 मानक को उदासीन न अम्लीय न क्षारीय जो की उतम स्वास्थ्य के अनुकूल माना  गया है।  PH हाइड्रोजन की क्षमता को दर्शाता है। जिसे अम्लीय,क्षारीय और उदासीन ये तीन वर्गों मे वर्गीकृत करके चीजों की गुणवता को परखते हुए स्वास्थ्य के अनुकूल ग्राह्यता निर्धारित की गई है।  आइए अब हम कुछ दैनिक आहार मे प्रयोग किए जाने वाले वस्तुए तथा शारीरिक क्रियाओं के संचालन हेतु निर्माणक  द्रव्यों के PHमान को जाने । शारीरिक तत्व :-- खून -7.4  मानव मूत्र 5.5 ...