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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Types of Menu

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  मकर संक्रांति के साथ ही हमारी सनातन परम्परा के अनुसार सूर्य का उत्तरायण होते ही महीने भर से लगे शुभ कार्यो पर का  प्रतिबंध खुल जाता है। और शुरू होता है शादी, दुरागमन, भूमि पूजन, गृह -प्रवेश, विद्यारम्भ, मुंडन संस्कार जैसे कई उत्सवों का मौसम। वर्तमान समय में इन उत्सवों का आयोजन एक व्यवसायिक उद्योग का रूप ले चुका है।जिसका आयोजन घर पर हो या बाहर बड़े छोटे होटलों और रेस्त्राओं में भोजन का प्रबंध अधिकांशतः व्यवसायिक संस्थानो या आयोजकों पर आधरित हो गया है। जिस पर सबकी निगाहें टिकी  होती है। कार्यक्रम के अंत में सामाजीक चर्चा का विषय होता है की किसके पार्टी में कैसा प्रबंध था।   आज हम जानते है की मेन्यू के कितने प्रकार होते हैं।और किन -किन संस्थानों में कौन -कौन से मेन्यू अपनाये जाते हैं।  Types of Menu :-- A la 'carta Menu -- इस प्रकार के मेन्यू में चीजों को आधा तैयार करके रखा जाता है और ग्राहक के द्वारा Order  करने पर Final Touch  देकर परोसा जाता है। सबसे पहले ग्राहक को एक मेन्यू चार्ट दिया जाता है। जिसमे व्यंजन का नाम ,त...

सपनें ...

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आज मैं एक आजाद पंक्षी की तरह खुले आसमान में अविरल गति से दिलों दिमाग को झंकृत करने वाली तरंगों के साथ अठखेलियाँ करती भविष्य के ताने -वाने बुन रही हूँ। वचपन से ही अपने दोस्तों और बड़े -बुजुर्गों को कई ड्रिमों के बारे में बातें करते देखा और सुना है। ड्रीम गर्ल ,ड्रीम प्रिंस ,ड्रीम प्रिंसेस, ड्रीम जॉव ,ड्रीम हाउस बगैर -बगैर। ये कौन सी बला का नाम है ड्रीम। दिलों दिमाग को सुकून देने वाली चाहतों का पूरा होना ,डायरी के पन्नों से निकलकर जिंदगी की हकीकत बनने तक की यात्रा या लोरियों के थपकियों में अधखुली आँखों से देखे गए सपनें।  भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए. पी. जे. अब्दूल कलाम का वो कथन  "सपने वो नहीं जो सोते हुए देखे जाऐ बल्कि सपने वो हैं जो हमें सोने ही न दे। " मन की गति से भी तेज चलने वाली तरंगें हमें एक ही पल में तीनों लोको (आकाश ,पाताल और भूलोक )का सैर करा देती है। उस यात्रा से चुन -चुनकर लाई गई वेशकीमती मोतियों से बनते इमारत में जब जागते हुए देखे गए सपनों का पंख लगता है तो दुनिया को अचम्भित कर देने वाले रौशनी का आगाज होता है। विज्ञान की खोज इन्हीं सिद्धन्तों पर आधारित होता ह...

खनिज लवण /Minerals

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खनिज लवणों को शरीर निर्माण तथा नियामक तत्व माना जाता हैं। मानव शरीर में न्यूनाधिक लगभग 24 प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं।  Calcium, phosphorus, Magnesium, Sodium, Potassium, Iron, Copper, Iodine, Zinc, Manganese, Cobalt, Fluorine, Chromium, Sulphur, Chlorine, Aluminium, Arsenic   Bromine, Nickel, Cadmium, Selenium, Silicon, Vanadium and Molybdenum . इनमे से प्रमुख्य 5 Major Elements और 5 Trace  Element की चर्चा विस्तार से करते हैं।  और जानते है की ये किन किन भोज्य  पदार्थो  से हमे प्राप्त  होते है,इनके हमारे शरीर मे क्या क्या  कार्य  है और इनकी कमी से कौन कौन से रोग होते है। 1)       मेजर   तत्व  Major Elements  ·         कैल्शियम  ·         फॉस्फोरस   ·         मैग्नीशियम   ·         सोडियम   ·         पो...

विटामिन / Vitamin

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विटामिन स्वयं तो ऊर्जा उत्पादन नहीं करता बल्कि ऊर्जा संबंधित रासायनिक क्रियाओ को नियंत्रित करता है। जिससे हमारा स्वास्थ्य और जीवन चलता रहता है। अतः हमारे भोजन में विटामिनयुक्त आहार को शामिल करना अति आवश्यक हो जाता है। आज हम इसी के बारे में जानते हैं की विटामिन्स के कितने प्रकार हैं,इनके क्या कार्य हैं कमी से क्या क्या हो सकते हैं और ये हमे किन -किन भोज्य पदार्थो से प्राप्त होते हैं।  विटामिन्स को मुख्यतः दो वर्गो में वर्गीकृत करेगें।  जल में घुलनशील विटामिन्स (Water Soluble)   - Vitamin B group  और C वसा में घुलनशील विटामिन्स (Fat Soluble ) - Vitamin A,D,E ,और K जल में घुलनशील विटामिन्स हमारे शरीर में ज्यादा देर तक नहीं रह सकते उसे संग्रह stor नहीं किया जा सकता।  1 Vtamin B1 -- इसका रासायनिक नाम थाइमिन Thaiminहै।   स्रोत -अनाज ,अंकुरित गेहूँ , तिलहन, संतरा, दूध, अंडे, आलू।  कार्य -  मतिष्क को स्वस्थ्य रखना,और कार्बोहाइड्रेट के पाचन में सहयोग करना।  कमी से - बेरी -बेरी नामक रोग होता है जिसमे शरीरिक और मानसिक कमजोरी के साथ ह...

जल / Water

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जल ही जीवन है। हमारे शरीर का एक अत्यावश्यक पोषक तत्व है जल। जीवित प्राणियों में ऑक्सीजन के बाद जल का ही महत्वपूर्ण स्थान है। जल का रासायनिक संरचना में 2 अणु हाइड्रोजन के तथा एक अणु ऑक्सीजन के होते हैं।( H 2 O ) हमारे शरीर का लगभग 65 %भाग जल का ही बना होता है। एक 55 किलो वजन वाले व्यक्ति में जल का वजन करीब 36 किलो रहता है। कुल जल का 2 /3  भाग (24 kg )अंतः कोशिकाओं में तथा 1 /3 भाग (1 2 kg )बाह्य कोशिकाओं में रहता है।   हमारे शरीर को जल 3 स्रोतों से प्राप्त होता है ।  पेय पदार्थ -- सादा जल ,नींवू पानी ,चाय,कॉफ़ी , शर्वत ,सूप , दूध और अन्य पेय पदार्थ।  भोज्य पदार्थ -- अनाज ,सभी सरस् फल और हरी साग -  सब्जियाँ  में जल की मात्रा अलग -अलग होती है। जैसे -सलाद 95 %,तरबूजा 93 %,सेव 85 %,आलू 80 अधिकांश सब्जियाँ (लौकी ,पालक ,टमाटर ,निनुआ ,)में लगभग 70 %,मांस 55 %,मक्खन 16 %और अनाज 8 -20  % तक जल की मात्रा होती है। ऑक्सीकरण -- हमारे शरीर में भोज्य पदार्थों के पोषक तत्वों की ऑक्सीकरण की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है इस प्र...

वसा / Fat

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वसा ग्लिसरॉल तथा वसीय अम्ल का मिश्रण है जो ट्राइग्लिसरॉल के नाम से भी जाने जाते हैं। जिसमे एक अणु ग्लिसरॉल और तीन अणु वसायुक्त अम्ल (लिनोलिक ,लिनोलेनिक ,आर्कीडोनिक )के होते हैं। वसा के रासायनिक संरचना में कार्बन ,हाइड्रोजन और ऑक्सीजन तथा कुछ वसा में अल्प मात्रा में नाइट्रोजन व् फास्फोरस भी होते हैं।ये आपस में एस्टर बॉण्ड ( Ester bonds) से बंधे होते हैं।  यह जल में अघुलनशील होते हैं परन्तु जैविक विलायकों (ईथर ,पट्रोलियम ,बेंजीन )में घुलनशील होते हैं।  वसा को मुख्यतः दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।  संतृप्त वसा अम्ल / Saturated fatty acid -- इसमें सरल या एकल बंध पाए जाते हैं जिनमे हाइड्रोजन ग्रहण करने का सामर्थ्य नहीं होता है। यह साधरण तापमान  (20 डिग्री सेंटीग्रेट )पर ठोस रूप में होता है। जबकि गर्म करने पर तरल हो जाते हैं। इसके अंतर्गत नारियल का तेल और सारे प्राणिज वसा (घी ,मक्खन ,चर्बी ,मछली का तेल )आते हैं .इसका शरीर की कोशिकाओं मेंऑक्सीकरण कठिनाई से होता है। कई बार तो यह रक्त नलिकाओं में जम कर  रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा...

प्रोटीन / Protein

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प्रोटीन एमिनो अम्ल का एक विशाल श्रृंखला है जो आपस में पेप्टाइड बॉन्ड (peptide bond )से बंधे होते हैं। एमिनो अम्ल कार्बन ,हाइड्रोजन ,नाइट्रोजन ,गंधक ,और फॉस्फोरस का रासायनिक सम्मिश्रण है। प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास और वयस्कों के वजन संतुलन बनाये रखने के लिए एक आवश्यक तत्व है। मानव के शारीरिक वजन का लगभग 1 /5 (20 %)भाग प्रोटीन का ही बना होता है। शरीरिक प्रोटीन की धीरे -धीरे क्षति होती रहती है। जिसकी पूर्ति आहार प्रोटीन के द्वारा ही की जा सकती है। आहर के द्वारा ग्रहण किये जाने वाले प्रोटीन को दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।   प्राणिज प्रोटीन - प्राणिज प्रोटीन को उत्तम श्रेणी के प्रोटीन कहे जाते हैं।क्योकि पशुओं के कोष उन्हीं एमिनो एसिड से बने होते हैं जिनसे मानव कोषों का निर्माण होता है।इसकी प्राप्ति माँस ,मछली ,अंडे ,दूध तथा दूध से बने पदार्थ घी को छोड़कर(पनीर ,रबड़ी ,दही ) से होती है। प्राणिज प्रोटीन का शरीर निर्माणक मूल्य 90 %से 95 % तक होता है।  वानस्पतिक प्रोटीन - इस वर्ग के प्रोटीन को मध्यम और निम्न श्रेणी में रखा गया है। इसका शरीर निर्माणक मूल्य 35 %स...