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आयुर्वेद को जाने समझें सरल भाषा में।

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  आयुर्वेद को जाने समझें सरल भाषा में।  आयुर्वेद क्या है ? प्राचीन ज्ञान और सतत जीवन शैली पर आधारित भारत की पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा प्रणाली है आयुर्वेद।जीव और शरीर का संबंध ही प्राणी का जीवन होता है। उसी जीवनयुक्त समय का नाम आयु है।जिसमे आयु के हित -अहित द्रव्यों तथा उनके गुणों एवं कर्मो का ज्ञान,रोगों का कारण और निराकरण का राज छिपा हो वही आयुर्वेद है। इसका समुचित ज्ञान और उसका सही उपयोग से ही प्राणी आयु को प्राप्त करता है।  आयुर्वेद का प्रयोजन ही है स्वस्थ्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगियों को रोगमुक्त करना। इसकी पहुंच जन- जन तक हो इसके लिए वर्षों से धनतेरस के दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इसमें थोड़ी सरलता और समरूपता के लिए आयुष मंत्रालय ने 23 सितंबर के दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाये जाने की आधिकारिक घोषणा की है जो 2025 के 23 सितंबर से प्रति वर्ष इसी दिन को मनाया जायेगा। सम्पूर्ण मानवजाति के हितार्थ को केंद्र में रखकर यह निर्णय लिया गया है।  आयुर्वेद शास्त्र के तीन स्तम्भ हैं।  हेतु (Causes )-स्वस्थ्य /निरोगी...

धार्मिक उन्माद का विभत्स स्वरूप का करारा जबाब ऑपरेशन सिंदूर।

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धार्मिक उन्माद का विभत्स स्वरूप का करारा जबाब ऑपरेशन सिंदूर।  धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर के पहलगाँव की धरती एक वार फिर से 26 निर्दोषों के रक्त से रक्तरंजीत हो गया है। पिछले 76 सालों से बदले की आग में जलता कश्मीर से जब धारा 370 हटा तो अमन -चैन बहाल होना शुरू हुआ ही था की मानवता को भी शर्मसार करने वाला वो मनहूस दिन 22 /4 /2025 की दोपहर स्वछन्द विहार करते पर्यटकों के सामने धर्म पूछते कुछ लोग आ जाता है। लोग जब तक कुछ समझ पाते तब तक तबाही की शुरुआत हो जाती है। क्या तुम हिन्दू हो इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए पुरुषों का कमर से नीचे का वस्त्र उतरवाना ,कलमा पढ़वाकर स्थिति स्पष्ट होते ही उनके परिजनों केआखों के सामने ही गोलियों से लहुलुहान करने का नंगा नाच शुरू हो जाता है। जिसमे सभी पुरुषों को ही चुन -चुन कर निशाना बनाया जाता है। हमारी 25 भारतीय और एक नेपाली सहित 26 बहनों के मांग का सिंदुर उजाड़ दिया जाता है। जिसमे एक जोड़ा ऐसा जिनकी अभी शादी के चार ही दिन हुए थे। शुभम द्वेदी और ऐशान्या द्वेदी। एक और जिनकी शादी के दो ही महीने हुए थे विनय नरवाल और हिमांशी स्वामी नरवाल। सब किंकर्तव्य...