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दिसंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नये वर्ष का नया संकल्प 2020 -21

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कुछ खट्टी -मिठ्ठी यादों को छोडक़र जानेवाला है यह 2020 जैसा की खेलों में होता है 20 -20 का मतलब। कम ही समय में तेजी से भागते -दौड़ते अधिक से अधिक ऊचाइयों का लक्ष्य निर्धारित करना और उससे भी तेजी से पीछा करके उस लक्ष्य को भेदना। ठीक यही एहसास करा गया हमारा 2020 हमारे सामने जीवन को बचाये रखने का एक बड़ा सा लक्ष्य रख गया। उस लक्ष्य भेद के लए हमारी सारी  कोशिशे कमजोर पड़ रही थी परिस्थितियाँ इतनी तेजी से बदली की जब तक हम कुछ समझ पाते तब तक चक्रवाती तूफान से भी तेज गति से सम्पूर्ण विश्व को अपनी आगोश में समेटता चला गया।और उस तूफान में सम्पूर्ण मानव जाती असमंजस्य और असहाय पानी की बुलबुले की तरह बनते और मिटते चले गए।  इस विषम परिस्थिति में भी पेट की ज्वाला को बुझाने और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ अति उत्साहित और विश्वासी लोग मानवता को बचाये रखने की जदोजहद में बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया बिना अपने और अपनों का परवाह किये वगैर। दिल की गहराइयों से नमन है उन वीर योद्धाओं का स्वाथ्य कर्मी ,सुरक्षा कर्मी ,सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर सफाई कर्मचारी तक जिन्होंने इस मुश्किल की घड़ी में टूटते -विखर...

ART OF LIVING VS MANAGEMENT OF LIFEजीने की कला वनाम जीवन प्रबंधन

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  प्रबंधन व्यक्तिगत कुशलता का द्योतक है। चाहे वह गृह प्रबंधन ,समय प्रबंधन ,वित्त प्रबंधन ,या फिर जीवन का ही प्रबंधन क्यों न हो। प्रबंधन करना एक कला है जो सौंदर्य का प्रतीक भी है। यह संसाधनों की प्रचुरता से उतने प्रभावित नहीं होते जितने व्यक्तिगत विचारों और आदर्शों से। यह एक आंतरिक गुण है जो सभी व्यक्तियों में एक समान नहीं होता फिर भी इसमें शैक्षणिक ,पारिवारिक ,सामाजिक ,आर्थिक तथा आनुभविक गतिविधियो से उत्तरोत्तर क्रमिक निखार आता जाता है।  जीवन जीने की कला से व्यक्तिगत सुख -दुःख प्रभावित होता है जवकि जीवन प्रबंधन हमारे आस -पास के वातावरण तथा परिवार ,समाज और अंततः राष्ट्र को प्रभावित करता है। प्रबंधन शब्द आते ही हमारे दिलो -दिमाग में एक व्यवस्थित परिदृश्य का काल्पनिक चित्र चित्रित हो जाता है। जीवन के प्रत्येक स्तर पर इसकी जरूरत रही है। जाने -अनजाने हम वाल्यकाल से ही अपने आस पास के चीजों को सहेजना सुव्यवस्थित तरिके से रखना अपने चाहने वालों के साथ चीजों को शेयर करना और अनचाहे लोगो से बचाने या छुपाने जैसी प्रवृति प्रबंधन का ही नींव है। घर के बढ़े -बुजुर्गो और शिक्षकों के मा...

हमारा रसोई हमारा अपना औषधालय

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हर घर का रसोईघर वह महत्वपूर्ण स्थान होता है जहाँ घर के प्रत्येक सदस्य का न सिर्फ भूख मिटाने के लिए भोजन बनाने का काम होता है बल्कि हमारी सेहत का खजाना का राज भी छिपा रखा होता है। भोजन को स्वादिष्ट और सुपाच्चय बनाने में मसालो के योगदान को सहज ही भुलाया नहीं जा सकता।अब यहाँ रेखांकित करने योग्य बातें यह है की क्या मसाले सिर्फ भोजन को स्वादिष्ट और सुपाच्चय ही बनाने का काम करते है या उनमे हमारा सेहत का राज भी छिपा होता है। यकीनन सदियों से चली आ रही  हमारी वैदिक और आयुर्वेद के पुस्तकों में वर्णित ज्ञान से यह प्रमाणित होता है की हमारा रसोईघर का प्रत्येक  खाद्य पदार्थ औषधिये गुणों से परिपूर्ण है। जिसका विवेकपूर्ण उपयोग करने से आहार औषध हो जाता है।  इसकी चर्चा एक युनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स (460 ईसा पूर्व -370 ईसा पूर्व )ने भी सैद्धांतिक रूप से किया था। उन्होंने आहार चिकित्सा पर विशेष वल दिया जिसका अनुसरण आज भी बड़ी विश्वसनीयता के साथ किया जाता है।   यहाँ कुछ खाद्य वस्तुओं की चर्चा करेंगे जो हमारे दैनिक आहार का हिस्सा भी है और औषध भी। जैसे :- हल्दी :- इसक...