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दिसंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक ही मंच पर कला और विज्ञान /Arts &Science का अनोखा संगम

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कला  और विज्ञान लिखने -पढ़ने,देखने -सुनने में दो अलग -अलग लगने वाले शब्द जब एक साथ एक मंच को साझा करता है तब कुशल कौशल शब्द का जन्म होता है। वर्तमान समय तकनीकों का युग है। जब हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तथा कथित अपने आस -पास उपलब्ध सामग्री को दिमागी क्रियाशीलता का सहारा लेकर कुछ नया कर गुजरते हैं तो उसे जुगाड़ टेक्नोलॉजी का नाम मिल जाता है। यों तो हमारे आस -पास ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े मिलते हैं । पर जब कभी इन पर किसी बुद्धिजीवी उद्यमियों की नजर पड़ जाती है तो वो कंकड़ रूपी जुगाड़ तकनीक बड़े -बड़े उद्योग स्थापित करने की प्रेरणा बन जाती है । जिसे हम आज स्टार्टअप का नाम दे रखा है। वो चाहे एमबीए चाय वाला हो या छोले -भटूरे ,लिट्टी -चोखे की छोटी सी स्टाल से 5 स्टार होटल तक का सफर।  भोजन हमारी मूलभूत आवश्यकताओं का प्रथम स्तम्भ है। इसमे अपार संभावनाएं हैं। आहार प्रबंधन कला और विज्ञान एक साथ होने के साथ ही साथ आम से लेकर खास /विशेष लोगों का भोजन से प्रत्यक्ष संबंध होना इसमे हर रोज कुछ नया कर गुजरने की प्रेरणा से ओत -प्रोत है। यह विज्ञान इसलिए है की इसमे व्यक्ति की पौष्टिक आवश्यकताओं को ...

फैशन डिजाइनर /Fashion Designer

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  फैशन की राष्ट्रीय और वैश्विक राजधानी इटली के मिलान मे है। यहीं से फैशन की दिशा निर्धारित होती है। Fashion Designing  or Textile Designing  मे आधारभूत अंतर यह है की जहां टेक्सटाइल डिजाइन का संबंध कपड़ों से संबंधित (परिधान, घर की सजावट के लिए बुने हुए, विना बुने, रंगाई, छपाई )निर्माण से है। वहीं फैशन डिजाइन का संबंध परिधान उससे जुड़ी एक्सेसरीज और जीवनशैली की वस्तुओं के निर्माण से है। आज हम फैशन डिजाइन और डिजाइनर पर चर्चा करेंगें।  फैशन डिजाइन की शुरुआत 19 वीं शताब्दी मे हुआ ऐसा माना जाता है। इसका अर्थ ये कतयी नही हुआ की इससे पहले बेहतरीन डिजाइन के वस्त्र बने ही नही। बल्कि भारत को तो वस्त्रों के बारीकी और उस पर नायाब नमुने व कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्धि प्राप्त थी।परन्तु यह व्यक्तिगत न होकर सामुहिक रूप से जुलाहों और कारीगरों की पहचान तक ही सीमित थी।  ज्यादातर वस्त्रों का नामकरण बनने के स्थान, वस्त्रों के प्रकार, वनावट के स्वरूप तथा उसे विकसित और संरक्षण देने वाले बादशाहों और राजाओं के नाम पर किये जाते थे। जैसे -भागलपुरी सिल्क, बनारस की बनारसी, गुजरात का पटोला /ब...

G -20

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  आज 1 दिसंबर 2022  हम भारत वासियों के लिए बड़े ही गर्व का क्षण है।  आज से पूरे एक वर्ष  के लिए G-20 की अध्यक्षता करने का गौरव जो प्राप्त हुआ है। जिसका नेतृत्व हमारे दूरदर्शी दृष्टि वाले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं।उनका परिपक़्व अनुभव, भारतीय ज्ञान परम्परा, प्रतिभाशाली युवाओं का रचनात्मक प्रतिभा का समेकित उपयोग करके हम इस स्वर्णिम अवसर को विश्व के यादगार लम्हों में शामिल करने को आतुर हैं। जैसा की G-20 (2022 )का थीम है वसुधैव कुटुंबकम एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य। इसका श्रेय हमारे प्रधानमंत्री स्वयं न लेकर इसे 130 करोड़ भारतीयों  की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक कहा  है।  कोरोना काल  के बाद  का वैश्विक चुनौतियों के बीच आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। जिसका अनुभव हम विकासशील देशों के समूह को साझा करेंगें। भारतीय विचारधारा रहा है की किसी समस्या का समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके ही निकला जा सकता है। हम प्रकृति की देखभाल करने वाली भारतीय परम्परा के आधार पर स्थायी और पर्यावरण -अनुकूल जीवनशैली को प्रोत्साह...